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हाथ में गंगाजल, दिलों में आस्था का सागर

बम बोले के जयघोषों से गूंजते रहे शिवालय उमड़ी श्रद्धा जगह-जगह किए गए भंडारे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 09:37 PM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 09:37 PM (IST)
हाथ में गंगाजल, दिलों में आस्था का सागर
हाथ में गंगाजल, दिलों में आस्था का सागर

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। महाशिवरात्रि पर शहर के सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर तरफ बम-बम भोले की गूंज सुनाई दे रही थी। लंबी लाइनों में श्रद्धालु भोले के दर्शन के लिए घंटों खड़े रहे। शहर में जगह-जगह भंडारे किए गए। प्रशासन ने महाशिवरात्रि को लेकर खास इंतजाम किए थे। श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए मंदिरों के अंदर भी पुलिस बल तैनात किया गया था। पूरे दिन यही नजारा चलता रहा तो रात में कई जगहों पर भोले शंकर की महाआरती और जागरण हुए। यही नजारा कस्बों से लेकर गांवों तक देखने को मिला।

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सोमवार को एकरसानंद आश्रम में सुबह पांच बजे से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज ने भगवान शंकर का दूध से अभिषेक किया। वहीं भक्तों ने वैदिक मंत्रों के साथ भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक किया। मंदिर परिसर में साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम थे। पूजन सामिग्री के हथठेले सुबह पांच बजे से ही गेट के आसपास सज गए थे। भांग, धतूरा, वेलपत्र, फूल, फूलमाला, प्रसाद, गन्ना, बेर, फल आदि सजाए गए थे। लोगों ने भगवान पर चढ़ाने के लिए खरीदारी की।

भीमसेन मंदिर पर लंबी लाइनों में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए इंतजार कर रहे थे। मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। हर किसी के दिल में आस्था की हिलोरें दिख रहीं थीं। चांदेश्वर मंदिर पर सड़क से ही लंबी लाइनों में खड़े श्रद्धालु भोले नाथ के जयकारे लगा रहे थे। हाथ में गंगाजल का लोटा और मुंह में शिव का नाम तथा दिलों में आस्था दिखाई दे रही थी। बच्चे भी शिव के दर्शन के लिए घंटों लाइनों में लगे रहे। मंदिर में समय समय पर सफाई की जा रही थी। जगह जगह किए गए भंडारे: महाशिवरात्रि पर शहर में जगह जगह भंडारे आयोजित किए गए। प्राचीन शिव मंदिर देवी रोड, भीमसेन मंदिर, चांदेश्वर मंदिर, एकरसानंद आश्रम, छपट्टी, मदारगेट, लालमठिया, घंटाघर, वनखंडेश्वर महादेव खरपरी तथा अन्य शिवालयों पर ठंडाई, हलुआ, खीर फल आदि बांटे गए। दिन भर यहीं सिलसिला चलता रहा। पार्थिव पूजन: नगरिया में महाशिवरात्रि पर मिट्टी का पार्थिव शिवलिग बनाकर उसका विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। सर्वप्रथम पूजन आचार्य संतोष शुक्ल ने किया। इसके बाद श्रद्धालुओं से शुरू हुआ पूजन दोपहर तक चलता रहा। शिव आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ। सायं गुरु की आरती के बाद भजन संध्या आयोजित की गई।


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