मैप दिखाएगा रास्ता, एप पकड़वा देगा बिजली चोर
बिजली का बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ता अब विभाग की नजरों से बच नहीं सकेंगे। गूगल मैप पर अपलोट हुई जीआइएस इमेज से उन्हें तलाश लिया जाएगा। बिजली चोर तलाशने के लिए इस तकनीकि का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है।
मैनपुरी : लंबे समय से बिजली का बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ता अब विभाग की नजरों से बच नहीं पाएंगे। गूगल मैप उनके ठिकाने का रास्ता दिखा देगा और एप से उनकी कारस्तानी पकड़ में आ जाएगी। बिजली विभाग में पहली बार मैनपुरी में ये तकनीक प्रयोग में लाई जा रही है।
जिले में एक हजार से ज्यादा बडे़ बकाएदार हैं। जियोग्राफिकल इंफोरमेशन सिस्टम (जीआइएस) इमेज सर्वे के दौरान शहर के 70 फीसद हिस्से को गूगल पर अपलोड कर दिया गया है। इसमें उपभोक्ताओं के मकान की तस्वीर भी अपलोड कराई गई है। गूगल मैप पर विभागीय ¨लक को क्लिक करते ही मैनपुरी शहर के उपभोक्ताओं की लोकेशन नजर आती है। मैप की मदद से विभागीय अधिकारी गूगल द्वारा बताए जाने वाले रास्ते पर चलकर बकाएदार के घर तक पहुंच रहे हैं। अब तक इस एप्लीकेशन की मदद से दर्जन भर बडे़ बकाएदारों के कनेक्शन काट उनसे वसूली भी की जा चुकी है।
बि¨लग एजेंसी कर रही मदद
इस बदलाव में बि¨लग एजेंसी 'फ्लूएंट ग्रिड' मददगार रही है। अधिशासी अभियंता एससी शर्मा का कहना है कि बि¨लग एजेंसी द्वारा मोबाइल से जिस मीटर की फोटो खींची जा रही है, वह सीधे जीआइएस सर्वे में फीड हो रही है। थोडे़ बहुत बदलाव करके इसमें उपभोक्ता से संबंधित सभी जानकारी को फीड किया जा रहा है। 'पहले बकाएदारों और बिजली चोरों तक पहुंचने में परेशानी होती थी। रास्ता ही नहीं मिलता था। लेकिन, अब गूगल मैप की मदद से खुद सॉफ्टवेयर हमें रास्ता दिखा रहा है। बमुश्किल आधा से एक घंटा के अंदर ऐसे बकाएदार के ठिकाने पर पहुंच जा रहे हैं।'
उमेश चंद्र वर्मा, अधीक्षण अभियंता, मैनपुरी।
सर्वे में तीन भागों में बांटा शहर
-पहली सूची में 10 से 20 हजार रुपये के बकाएदार
-दूसरी में 20 से 50 हजार रुपये के बकाएदार
-तीसरी सूची में 50 हजार और इससे ज्यादा के बकाएदार