देश का पहला जेल रेडियो मैनपुरी में जल्द
बंदियों की फरमाइश पर सुनाए जाएंगे फिल्मी गीत, जेल के हालात की खबरें भी प्रसारित होंगी।
दिलीप शर्मा, मैनपुरी: जेल के बंदियों का अकेलापन व उदासी अब कुछ हद तक दूर हो सकेगी। वे भी फिल्मी गीतों का लुत्फ उठा सकेंगे। माध्यम बनेगा जिला जेल में शुरू होने वाला जेल रेडियो। इससे उनमें सकारात्मक विचार भी आएंगे। खास बात यह है कि इसमें रेडियो जॉकी और फरमाइश करने वाले दोनों ही जेल के बंदी होंगे। मैनपुरी जिला जेल में देश का अपनी तरह का अनूठा प्रयोग पहली बार होने जा रहा है।
जेल सुधार कार्यक्रम के तहत यह व्यवस्था की जा रही है। जेल प्रशासन ने एक कक्ष में जेल रेडियो का स्टूडियो तैयार किया है। इसमें सभी आवश्यक उपकरण लगाए जाएंगे। हर बैरक के बाहर हाई डेफिनेशन स्पीकर लगाए जाएंगे। ये स्टूडियो से कनेक्ट होंगे।
योजना के तहत कुल 15 बंदियों को रेडियो जॉकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये वो हैं, जिनकी आवाज बेहतर है और गीत-संगीत में रुचि रखते हैं। वे खुद भी गीत गाकर सुनाएंगे। प्रदीप रघुनंदन का लिया सहयोग: योजना पर आने वाले खर्च के लिए जेल प्रशासन ने जेल सुधार कार्यकर्ता एटा निवासी प्रदीप रघुनंदन का सहयोग लिया है। वह पिछले 12 वर्षो से जेल सुधार के क्षेत्र में सक्रिय हैं। जिला जेल एटा को देश का पहला आइएसओ सर्टिफिकेट दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी। जेल प्रशासन का दावा है कि यह देश में पहला जेल रेडियो होगा। इसे इसी माह शुरू कर दिया जाएगा। हर रोज नोट होंगी फरमाइश: हर रोज एक बंदी बैरक-बैरक जाकर बंदियों से उनकी फरमाइश पूछेगा। उनका नाम और बैरक नंबर भी अंकित किया जाएगा। संबंधित गीत प्रसारित करने से पहले आरजे बताएगा कि फरमाइश किस बंदी ने की है। समाचारों से होगी शुरुआत: जेल रेडियो पर प्रतिदिन सबसे पहले जेल के समाचार प्रसारित होंगे। इसमें जेल में होने वाले क्रिया-कलाप, निरीक्षण, दिशा-निर्देशों की जानकारी दी जाएगी।