तीन दिन में शीतगृहों से निकालना होगा आलू
शासन के निर्देश पर जिला उद्यान अधिकारी ने सभी शीतगृह स्वामियों को भेजा नोटिस बीज के नाम पर अभी भी भरा पड़ा है 70000 मीट्रिक टन आलू।
जासं, मैनपुरी: आलू की बढ़ती कीमतों में कमी लाने के लिए प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाना शुरू कर दिया है। शीतगृह स्वामियों को जिला उद्यान अधिकारी ने तीन दिनों में (31 अक्टूबर तक) हर हाल में सब्जियों के राजा आलू को बाहर निकालने के लिए कहा है। अभी शीतगृहों में 70 हजार मीट्रिक टन आलू भरा पड़ा है। ऐसे में आलू के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे आम जनता परेशान है।
जिले में रबी सीजन के दौरान बहुतायत में आलू की बुआई का काम होता है। उत्पादन भी खूब होता है। बीते साल 22 हजार हैक्टेयर से अधिक रकबा में आलू बोया गया था। फसल तैयार होने के बाद 50 शीतगृहों में भी करीब 2.95 लाख मीट्रिक टन आलू का भंडारण किया गया। अब तक सिर्फ करीब 80 फीसद निकासी हो सकी है, जबकि 20 फीसद अभी भी शीतगृहों में भरा पड़़ा है, जो करीब 70 हजार मैट्रिक टन बताया जा रहा है। लगातार आलू के भाव बढ़ते जा रहे हैं, जिससे हर वर्ग परेशान है। मध्यमवर्गीय और गरीब वर्ग की रसोई का बजट तक गड़बड़ा गया है।
आलू की कीमतों को कम करने के लिए शासन के निर्देश पर जिला उद्यान विभाग ने शीतगृह स्वामियों को नोटिस भेजे हैं। इसमें कहा गया है कि 31 अक्टूबर तक शीतगृहों को खाली करवाना होगा। जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह ने बताया कि सभी शीतगृह मालिकों को नोटिस देकर 31 अक्टूबर तक खाली करवाने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई भी हो सकती है।
नीलाम कर सकते हैं माल
जानकारों का कहना है कि शीतगृह खाली कराने को मिले नोटिस के बाद आलू रखने वाले किसानों को इसके लिए 15 दिन का नोटिस देना होगा। इसके बाद नहीं आने पर संबंधित किसान का माल नीलाम कराकर भाड़े की राशि काटकर बाकी रकम उसी किसान को देनी होगी।