आढ़ती ने खुद ही रचा था अपहरण का ड्रामा
एक सप्ताह पहले लापता हुए आढ़ती का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि अपने विरोधियों को फंसाने के लिए उसने अपहरण का नाटक रचा था। इस षड़यंत्र में उसके तीन भतीजे भी शामिल थे। पुलिस ने इस मामले का भंडाफोड़ कर आढ़ती और उसके तीनों भतीजों को गिरफ्तार कर लिया है।
जासं, मैनपुरी : एक सप्ताह पहले लापता हुए आढ़ती का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि अपने विरोधियों को फंसाने के लिए उसने अपने अपहरण का नाटक रचा था। इस षड़यंत्र में उसके तीन भतीजे भी शामिल थे। पुलिस ने पूरे मामले का भंडाफोड़ कर आढ़ती और उसके तीनों भतीजों को गिरफ्तार कर लिया है।
थाना किशनी क्षेत्र के गांव सहारा निवासी बलराम सिंह यादव कुसमरा मंडी में गल्ला की आढ़त का संचालन करते है। 28 नवंबर को वो रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था। आढ़ती के भतीजे कृष्णा ने थाना बेवर में गांव हुसैनपुर निवासी प्रधान अजब सिंह, रोजगार सेवक अनिल कुमार और उनके तीन अज्ञात साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसपी अशोक कुमार राय ने बताया कि शुक्रवार रात को सर्विलांस प्रभारी जोगेंद्र सिंह और एसओ बेवर सुरेश चंद्र शर्मा की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आढ़ती को बेवर क्षेत्र से बरामद कर लिया। पूछताछ हुई तो पूरी घटना का भंडाफोड़ हो गया। आढ़ती ने स्वीकार किया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था। बल्कि उसने अपने भतीजों पवन, सुनील और कृष्णा के साथ मिलकर प्रधान और रोजगार सेवक को फंसाने के इरादे से अपहरण का ड्रामा रचा था। इस पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसके तीनों भतीजों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने नया मामला दर्ज कर आढ़ती और उसके तीनों भतीजों को जेल भेज दिया।
आडियो ने किया षड़यंत्र का भंडाफोड़
आढ़ती के भतीजे ने पुलिस को बताया था कि घटना की जानकारी आढ़ती ने खुद मोबाइल पर उसे दी थी। इस पर पुलिस ने भतीजे के मोबाइल की जांच की थी। इस दौरान मिले एक आडियो से पता चला कि आढ़ती किसी टेंपो चालक से बेवर चलने के लिए कह रहा है। पुलिस ने टेंपो चालक का पता लगा लिया। उससे पूछताछ हुई तो स्वजन द्वारा सुनाई गई कहानी संदेह के घेरे में आ गई।
सर्विलांस से मिल रहे थे अहम सुराग
आढ़ती के लापता होते ही उसके मोबाइल को सर्विलांस पर ले लिया गया था। इस दौरान पता चला कि आढ़ती दिल्ली, करनाल, जयपुर, अहमदाबाद, उज्जैन और ग्वालियर में छिपता रहा। इसीलिए पुलिस की कुछ टीमों को इन स्थानों पर भी रवाना किया गया था।
ये थी आढ़ती और प्रधान के बीच रंजिश की वजह
आढ़ती की पुत्री स्वाती ने पंचायत सहायक पद के लिए आवेदन किया था। उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया था। आढ़ती को शक था कि प्रधान और रोजगार सेवक ने साजिश कर स्वाती का आवेदन निरस्त कराया है। इसी रंजिश के चलते दोनों को फंसाने की साजिश रची थी।