गोसेवक हजारों, बेसहारा गोवंश का बैंक खाता खाली
आइसीआइसीआइ बैंक में गौ संरक्षण केंद्र के नाम से खुलवाया गया है सरकारी खाता डेढ़ माह बाद भी एक भी रुपया न हुआ जमा भूसे के लिए हाथ फैला रहा प्रशासन।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। बेसहारा गोवंशों को चारे की किल्लत न हो, लिहाजा शहर की आइसीआइसीआइ बैंक में नगर पालिका प्रशासन ने गो संरक्षण केंद्र के नाम से खाता खुलवाया। लेकिन, डेढ़ महीने बाद भी ये खाता शून्य है।
बेसहारा गोवंश के चारे के लिए नगर पालिका ने डेढ़ महीना पहले शहर की स्टेशन रोड स्थित बैंक में गो संरक्षण केंद्र के नाम से खाता (संख्या 139101000336) खुलवाया था। सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों स्वेच्छा से रुपये जमा की अपेक्षा की गई थी। पालिका ने बोर्ड बैठक में सभासदों से भी खाता में दान कराने का आग्रह किया था। शून्य बैलेंस पर खुला ये अब तक खाली ही है। इस खाते के बारे में प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया। आबकारी से बांधी थी आस, वो भी टूटी: मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि शराब की बोतलों पर लिखी कीमत से तीन रुपये गोवंश के चारे के लिए खातों में जमा कराए जाएंगे लेकिन यह आस भी टूट गई। महीने भर में जिले में अंग्रेजी शराब की एक लाख बोतलें और बियर की लगभग 1.5 लाख बोतलें बिक जाती हैं। अनुमान के मुताबिक, महीने भर में लगभग दो से ढाई करोड़ का शराब का कारोबार होता है, लेकिन इतनी बड़ी आमदनी के बावजूद आबकारी विभाग द्वारा एक भी रुपया गो संरक्षण केंद्र के खाते में नहीं भेजा गया।