निलंबन के बाद 105 लेखपालों पर एफआइआर
मैनपुरी जासं। हड़ताली लेखपालों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार देर शाम पांच नामजद सहित 105 लेखपालों के खिलाफ धारा 144 द.प्र.स. का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस ने छानबीन भी तेजी से शुरू कर दी है।
जासं, मैनपुरी : हड़ताली लेखपालों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार देर शाम पांच नामजद सहित 105 लेखपालों के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कराया गया है। बुधवार देर शाम सिविल लाइन चौकी इंचार्ज अमित सिंह ने इसी कानून को आधार बनाते हुए लेखपाल संघ के पदाधिकारी उमाशंकर शाक्य, पुष्पेंद्र सिंह, उदयवीर, श्रीकृष्ण और प्रज्ञदीप को नामजद करते हुए 100 अज्ञात लेखपालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
मंगलवार को हड़ताली 21 लेखपालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद भी लेखपाल आंदोलन पर अड़े हुए है। बुधवार को भी शीतला माता मंदिर परिसर के कीर्तन पंडाल में लेखपालों का धरना जारी रहा। वे अपने आंदोलन के समर्थन में गरजते नजर आए। उन्होंने एलान कर दिया कि चाहे हमें निलंबित कर दो या जेल भेज दो। ये आंदोलन तो मांगें पूरी होने के बाद ही समाप्त होगा। इस मौके पर उमाशंकर शाक्य, दयाराम शाक्य, गंभीर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, प्रज्ञदीप, श्याम गुप्ता, विमल भदौरिया, राजेश सक्सैना, अरविद यादव, रविकांत, शैलेष कुमार, बृजेश राठौर, सुरजीत सिंह, प्रशांत राठौर आदि लेखपाल मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले लेखपाल को नोटिस
संसू, भोगांव: मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे लेखपालों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। तहसील के सभी लेखपालों को एसडीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेखपाल संघ के महासचिव को सोशल मीडिया पर टिप्पणी के मामले में नोटिस दिया गया है। एसडीएम पीसी आर्य ने बताया कि तहसील में लेखपालों की हड़ताल में शामिल लेखपाल चंद्रपाल ने बुधवार को काम करने की सहमति जता दी। एसडीएम ने बताया कि हड़ताल के समर्थन में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले लेखपाल संघ के तहसील महासचिव प्रदीप सक्सेना को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
काम पर नहीं लौटे तो निलंबित होंगे लेखपाल : डीएम
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि लेखपालों को अंतिम चेतावनी दी गई है। जो लेखपाल गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे तक काम पर नहीं लौटेंगे, उन्हें निलंबित कर दिया जाएगा। लेखपालों की हड़ताल के चलते शासन के मंशा के अनुरूप कार्य नहीं हो पा रहा है।