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कान्हा के जन्मोत्सव पर घर-घर पूजा

मैनपुरीजासं। कान्हा के जन्म नक्षत्र और तिथि भ्रम की वजह से शहर और जिले में मंगलवार को भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। कान्हा जन्म को लेकर घरों में उल्लास भी नजर आया। अब बुधवार को भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वहीं बाजारों में दूसरे दिन भी खरीदारी के लिए लोग बाजारों में दिखाई दिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:03 AM (IST)
कान्हा के जन्मोत्सव पर घर-घर पूजा
कान्हा के जन्मोत्सव पर घर-घर पूजा

जासं, मैनपुरी: कान्हा के जन्म नक्षत्र और तिथि भ्रम की वजह से शहर और जिले में मंगलवार को भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। कान्हा जन्म को लेकर घरों में उल्लास भी नजर आया। अब बुधवार को भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी। वहीं, बाजारों में दूसरे दिन भी खरीदारी के लिए लोग बाजारों में दिखाई दिए।

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कोरोना काल में मंदिर बंद होने के कारण कान्हा का जन्मोत्सव घरों में ही मनाया गया। रात 12 बजे श्रद्धालुओं ने कान्हा का जन्म होने के बाद भगवान की आरती उतारी और प्रसाद लगाया। बुधवार को भी शहर और जिले में बड़े पैमाने पर कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कोरोना बंदिशों की वजह से कुछ मंदिरों में पुजारी और चंद सेवक भी इस उत्सव को मनाएंगे। इसके लिए मंगलवार को घरों में पाग बनाने का काम होता रहा। मंदिरों में आयोजन पर रोक होने से बच्चे खुद ही घरों में झांकी सजाने को जुट गए हैं।

शहर में दिखा उल्लास: बुधवार को होने वाले कान्हा के जन्म को लेकर शहर में उल्लास भी नजर आया। सुबह से शाम तक बाजार खरीदारों से गुलजार रहे। व्रत आदि से जुड़े सामान की भी खूब खरीदारी हुई। पाग बनाने को मेवा भी खूब खरीदी गई। बीते साल के मुकाबले भाव कम होने से इसकी खरीदारी अच्छी रही। इस बार काजू 500-600 रुपये प्रति किलो, बादाम मिगी 650 रुपये किलो, गोला 150 रुपये किलो, चिरोंजी 1200 रुपया किलो, मखाने 500-600 रुपये किलो के भाव में बिके। बीते साल के मुकाबले महंगी होने से खसखस जरूर 1200 रुपये किलो बिकी, वहीं छुहारा 250 रुपये किलो बिका।

कान्हा की पोशाक पड़ गईं कम: कोरोना काल में इस साल बच्चों को श्रीकृष्ण के स्वरूप में सजाने के लिए जमकर ड्रेस खरीदी गई, इससे शहर में माल शॉर्ट हो गया। शहर के बजारा बाजार में ड्रेस बेचने वाले अंकुर ने बताया कि इस बार ड्रेस 120 से 250 रुपये में बिकी। कोरोना की वजह से वह माल लाने से डर रहे थे, अब इतनी बिकी कि माल ही कम पड़ गया।

झांकी सजाने को खरीदे मिट्टी के खिलौने: कान्हा की झांकी सजाने को बच्चों में ज्यादा उत्साह है। बच्चों ने घर में ही झांकी सजाने को मिट्टी के खिलोने भी खूब खरीदे। तोते का एक जोड़ा 20 रुपये में बिका। दुकानदार चंद्रभान ने बताया कि राधा-कृष्ण की प्रतिमा सौ से लेकर ढाई सौ रुपये तक में बिकी।

एक खीरा बिका तीस रुपये में: जन्माष्टमी पर कान्हा के जन्म के साथ ही खीरे का खास महत्व होता है। शहर में एक लट खीरा तीस रुपये में बिका। तमाम ठेल और फड़ लगाए गए थे, जहां से खीरों की खूब बिक्री हुई।

प्रतिमाओं पर दिखा कोरोना का असर: जन्माष्टमी पर कोरोना का प्रभाव भी दिखा। बीते साल पीओपी की चार सौ कान्हा की प्रतिमा बनाकर बेचने वाले शिव शंकर ने बताया कि इस बार केवल 40-50 ही बिकीं हैं।

कुरावली में आज भी मनेगी जन्माष्टमी: संसू, कुरावली: नगर में मंगलवार को कुछ स्थानों पर जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। वहीं, प्राचीन मंदिर में बुधवार को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। नगर के जैन मंदिर वाली गली में स्थित प्राचीन मंदिर दाऊजी महाराज में बुधवार रात जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जानकारी मंदिर के सर्वराकार पं. गजानन दत्त मिश्र ने दी।


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