आफत की बारिश में उफन उठता है साइफन
घिरोर क्षेत्र में दर्जनों गांवों में सैकड़ों बीघा फसल हो जाती है जलमग्न।
घिरोर, संसू। घिरोर क्षेत्र के कोसमा के आसपास के दर्जनों गांवों के किसान बरसात के दिनों में इंद्रदेव से राहत की ही प्रार्थना करते रहते हैं। यहां बने साइफन की वर्षों से सफाई न होने की वजह से हर साल किनारों पर सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबकर बर्बाद हो जाती है। किसान जिम्मेदार विभाग से गुहार लगाकर हार गए, लेकिन कोई नतीजा न निकला। मुख्यमंत्री से शिकायत भी हुई, लेकिन कार्यदायी संस्था ने बजाय समाधान के समस्या निस्तारण का आश्वासन ही दिया। तब से अब तक न तो सफाई हुई और न ही कोई सर्वे।
विकास खंड घिरोर में कुशियारी रजवाह पर कोसमा में साइफन बना हुआ है। इस साइफन की आज तक सफाई नहीं कराई गई। किसान मोहरपाल, वसीम अहमद, रामनाथ का कहना है कि बारिश का पानी हर जगह से इकट्ठा होकर इसी साइफन में गिरता है। लेकिन, सिल्ट और गंदगी होने की वजह से पानी पार नहीं होता। जलस्तर बढ़ने पर वह साइफन के ऊपर से होकर गुजरने का प्रयास करता है और ऐसे में बारिश का पूरा पानी आसपास के खेतों में भर जाता है।
जिसकी वजह से हर साल सैकड़ों बीघा धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अक्टूबर 2018 में मुख्यमंत्री से शिकायत की थी लेकिन नहर विभाग द्वारा सिर्फ आश्वासन देकर पल्ला झाड़ लिया। आज तक न तो सफाई कराई गई और न ही कोई निरीक्षण को आया। ग्रामीण इंद्रवीर शाक्य, अटल प्रकाश, अलीम वारिस, नेत्रपाल यादव, अशोक, बलवीर सिंह आदि ने जिलाधिकारी से इसकी सफाई और मरम्मत कराए जाने की मांग की है। ये गांव होते हैं प्रभावित
साइफन के उफनाने से कोसमा हिनूद, नगला बरियार, नगला खुशाली, बरी पीपरा, लपगवा, ढकरई, कोसमा मुसलमीन, नगला मोहन, धीप, चापरी, रहमतुल्लाहपुर, पहाड़पुर, बीनेपुर, नगला दुल्हराय, करुआखेड़ा, हिम्मतपुर उजियारी और ककरेट समेत कई गांव पूरी तरह से प्रभावित हो जाते हैं। इन बाढ़ चौकियों पर कर सकते हैं संपर्क
विकास खंड घिरोर के लिए नहर विभाग ने बाढ़ चौकियां बनाई हैं। इनमें प्राथमिक पाठशाला दरबाह, प्राथमिक पाठशाला औंछा, कैप्टन उम्मेद सिंह इंटर कॉलेज कल्होर पछां, प्राथमिक पाठशाला शाहजहांपुर, प्राथमिक पाठशाला उसनींधा, प्राथमिक पाठशाला बहसी को शामिल किया गया है। यहां किसी भी प्रकार की अनहोनी की सूचना दी जा सकती है। 'हमने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर कंट्रोल रूम बनवाए गए हैं। यदि कहीं भी कोई सूचना मिलती है तो हमारी टीम कुछ ही समय में मौके पर पहुंचकर राहत कार्य मुहैया कराएगी।'
गोपाल जी यादव, अधिशासी अभियंता
नहर विभाग, मैनपुरी।
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