सड़क सुरक्षा सप्ताह, अनफिट हैं वाहन, फिर भी सड़कों पर फर्राटा
सड़क हादसों की एक बड़ी वजह है अनफिट विभागीय साठगांठ से चल रहा सारा खेल।
जासं, मैनपुरी: अनफिट वाहन कई बार जान के दुश्मन साबित हुए हैं। सरकार ने इन्हें नहीं चलने देने के आदेश भी दे रखे हैं। बावजूद, ऐसे वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इन्हें न तो नियमों का खौफ है और न ही विभाग की सख्ती का कोई डर।
शहर के ईशन नदी तिराहा, जेल चौराहा, भांवत चौराहा, कुरावली तिराहा, करहल चौराहा से सैकड़ों अनफिट वाहनों का रोजाना संचालन हो रहा है। बुधवार को भी ईशन नदी तिराहे पर ऐसे तमाम वाहन दिखे जिनमें न तो हेडलाइट थी और न ही बैक लाइट। इसके अलावा करहल चौराहा से जीप, मैजिक, टेंपो और डग्गामार बसों का संचालन भी कराया जा रहा है।
ये होने चाहिए गाड़ियों में इंतजाम:
टेल लाइट और हेडलाइट चालू होनी चाहिए।
वाहनों के इंडिकेटर चालू होने चाहिए।
गाड़ियों के आगे और पीछे के हिस्से में रेडियम की पट्टी लगी होनी चाहिए।
धुआं देने वाली गाड़ियां नहीं चल सकतीं।
गाड़ियों की प्रतिवर्ष फिटनेस जांच जरूरी है।
जुगाड़ गाड़ियों का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सर्दियों में फाग लाइट जरूरी:
प्रवर्तन अधिकारी डा. कौशलेंद्र का कहना है कि सर्दी में कोहरा आवागमन को प्रभावित करता है। कोहरे में ²श्यता सबसे कम हो जाती है। ऐसे में वाहनों पर फाग लाइट को अनिवार्य कर दिया गया है। फाग लाइट की रोशनी कोहरे को चीरने की क्षमता रखती है। इससे सामने चल रहे वाहन और रास्ते को आसानी से देखा जा सकता है। दुपहिया और तिपहिया वाहनों पर भी इंडिकेटर, बैक लाइट, टेल लाइट और फाग लाइट अनिवार्य रूप से दुरुस्त होनी चाहिए।
यूं ही नहीं होता फिटनेस टेस्ट:
प्रवर्तन अधिकारी का कहना है फिटनेस टेस्ट के लिए वाहनों को चालक के साथ कार्यालय पर बुलाया जाता है। जानकार की मौजूदगी में वाहनों के ब्रेक, बैक लाइट, टेल लाइट, हेड लाइट और फाग लाइट की पड़ताल की जाती है। इतना ही नहीं, वाहन में बिजली की फिटिग और वायरिग के साथ अग्निशमन यंत्र का होना भी अनिवार्य है।
'सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को सड़क पर चलने की अनुमति दी गई है जिन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया है। धुआं देने वाली या फिर नियमों को ताक पर पर रखने वाली गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।'
राजेश कर्दम, एआरटीओ