दूसरे राज्यों से भी ले रहे थे राशन, 3300 यूनिट निरस्त
लखनऊ एनआइसी द्वारा पकड़ा गया मामला 1300 से अधिक यूनिट की जांच जारी जल्द किए जाएंगे डिलीट। एनआइसी साफ्टवेयर ने आधार मिलान होन
1300 से अधिक यूनिट की जांच जारी, जल्द किए जाएंगे डिलीट
एनआइसी साफ्टवेयर ने आधार मिलान होने के बाद पकड़े ऐसे मामले जासं, मैनपुरी: राशन वितरण व्यवस्था अभी भी पूरी तरह पारदर्शी नहीं हो पा रही है। तमाम लोग मैनपुरी के अलावा भी दूसरे राज्यों से राशन ले रहे थे। लखनऊ एनआइसी के साफ्टवेयर ने आधार लिक होने के बाद ऐसे मामले पकड़े हैं। 4600 से अधिक यूनिट डबल राशन लेने के मिले हैं। जिला पूर्ति विभाग ने जांच के बाद 3300 यूनिट को डिलीट कर दिया है, जबकि 1300 की जांच जारी है।
जिला पूर्ति अधिकारी के अनुसार, जिले के 4600 से ज्यादा लोग दो स्थानों से राशन ले रहे हैं। इनमें से ज्यादातर राशन कार्ड दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान के हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये लोग रोजगार के चलते मैनपुरी से बाहर रह रहे थे और वहां भी राशन कार्ड बनवा लिया और इनके पास मैनपुरी का भी राशन कार्ड है। ऐसे पता चलता है डबल राशन कार्ड
राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डधारकों के लिए पोर्टेबिलिटी सिस्टम लागू किया गया है। ऐसे में किसी भी जिले का मूल निवासी वह किसी देश के अन्य प्रदेश में रहने चला जाता है और आधार कार्ड में अपना पता बदल लेता है, ऐसे यूनिट को खाद एवं पूर्ति विभाग का जो साफ्टवेयर है पकड़ लेता है, ऐसा ही हुआ तब यह डुप्लीकेसी सामने आई है। आधार नंबर ट्रेस कर एनआइसी लखनऊ ने ऐसे लोगों की सूची तैयार की है। - ऐसे पकड़ा मामला
वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए राशन कार्ड में परिवार के मुखिया और सदस्यों के आधार नंबर लिक कराए गए हैं। इसके आधार पर ही उन्हें राशन का वितरण होता है। इन्हीं आधार नंबर के माध्यम से ही एनआइसी लखनऊ ने मैनपुरी जिले के 4600 लोगों की सूची तैयार की थी। - एक नजर आंकड़ों पर
जिले में कुल राशन कार्डधारक 316599 जिले में कुल यूनिट 1242220 जिले में कुल अंत्योदय राशन कार्डधारक 45893
जिले में कुल पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारक 270706 लखनऊ एनआइसी से प्राप्त सूची में जिले के बहुत से नागरिक मैनपुरी के साथ ही दूसरे प्रदेशों में भी राशन ले रहे थे। ऐसे नामों में से 3300 को जांच के बाद डिलीट कर दिया है। 1300 अन्य का सत्यापन किया जा रहा है।
मोहम्मद क्यामुद्दीन अंसारी, जिलापूर्ति अधिकारी ।