10, 20 और 50 के नोट लेने से निजी बैंक ने किया इन्कार
38.57 लाख रुपये की सरकारी रकम जमा कराने पहुंचे थे विद्युत अधिकारी नहीं जमा हुई धनराशि अधिशासी अभियंता ने मंडलायुक्त को भेजी लिखित शिकायत।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। भारतीय मुद्रा का अपमान करते हुए एचडीएफसी बैंक प्रबंध तंत्र ने बिजली विभाग द्वारा लाई गई 38.57 लाख रुपये की बड़ी रकम में शामिल 10, 20 और 50 रुपये के नोट लेने से इन्कार कर दिया। बैंक कर्मियों की मनमानी के कारण सरकारी धनराशि जमा नहीं हो सकी। मनमानी के खिलाफ अधिशासी अभियंता विद्युत ने इसकी लिखित शिकायत मंडलायुक्त आगरा के अलावा महाप्रबंधक वित्त को भेज कार्रवाई की मांग की है।
बडे़ बकाएदारों से वसूली के लिए सरकार ने ओटीएस योजना का संचालन किया है। 31 मार्च को योजना खत्म हो रही है। शनिवार को विद्युत वितरण खंड प्रथम में योजना के तहत जमा हुई 38.57 लाख रुपये की सरकारी धनराशि को जमा कराने के लिए बिजली विभाग के अधिकारी और कैशियर एचडीएफसी बैंक में पहुंचे। अधिशासी अभियंता एससी शर्मा का कहना है कि बैंक के शाखा प्रबंधक बीएम सोनी और कैशियर ने धनराशि में शामिल 10, 20 और 50 रुपये के नोटों को लेने से साफ इन्कार कर दिया।
बार-बार पूछने पर सिर्फ एक ही जवाब दिया कि लाखों की धनराशि में इन छोटे नोटों को गिनने में समय नष्ट होगा। अधिशासी अभियंता का कहना है कि बैंक प्रबंध तंत्र की लापरवाही की वजह से सरकारी धनराशि समय पर जमा नहीं हो सकी है। उन्होंने कार्रवाई की मांग करते हुए मंडल आयुक्त आगरा के साथ प्रबंध निदेशक डीवीवीएनएल के साथ महाप्रबंधक वित्त को लिखित पत्र भेजा है।