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आयुष्मान कार्ड बनवाने में सहयोग करेंगे प्रधान और सचिव

अब पात्र नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने में ग्राम प्रधान और सचिव भी सहयोग करेंगे। जन सेवा केंद्रों के जरिये केवाइसी कराने का काम भी निश्शुल्क होगा। कार्ड सुविधा से वंचित जिले के परिवारों की केवाइसी को आशा एएनएम और जन सेवा केंद्र संचालक जुटेंगे। मंगलवार से सीएचसी और पीएचसी पर होने वाली बैठकों में इसके लिए रणनीति बनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 06:14 PM (IST)
आयुष्मान कार्ड बनवाने में सहयोग करेंगे प्रधान और सचिव
आयुष्मान कार्ड बनवाने में सहयोग करेंगे प्रधान और सचिव

जासं, मैनपुरी: अब पात्र नागरिकों के आयुष्मान भारत कार्ड बनवाने में ग्राम प्रधान और सचिव भी सहयोग करेंगे। जन सेवा केंद्रों के जरिये केवाइसी कराने का काम भी निश्शुल्क होगा। कार्ड सुविधा से वंचित जिले के परिवारों की केवाइसी को आशा, एएनएम और जन सेवा केंद्र संचालक जुटेंगे। मंगलवार से सीएचसी और पीएचसी पर होने वाली बैठकों में इसके लिए रणनीति बनाई जाएगी।

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सोमवार को आयुष्मान गोल्डन कार्ड योजना को लेकर विकास भवन में बैठक हुई। सीडीओ ईशा प्रिया ने बताया कि पात्र ग्रामीणों के आयुष्मान कार्ड बनवाने में अब प्रधान और सचिव सहयोग करेंगे। सीएचसी- पीएचसी प्रभारी भी आशा, एएनएम और जन सेवा केंद्र संचालक समन्वय बनाकर इस काम को कराएंगे। लक्ष्य कार्ड से वंचित परिवार के कम से कम एक सदस्य को कार्ड उपलब्ध कराने का होगा। बैठक में सीएमओ, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी रोहित कुमार और एडीओ पंचायत, सचिव मौजृद रहे। 65 हजार बनाए जाने हैं गोल्डन कार्ड

आयुष्मान गोल्डन कार्ड के लिए 2011 में हुए सर्वे में चयनित 1.10 लाख नागरिक पात्र पाए गए थे। यह सर्वे आर्थिक, सामाजिक और जाति आधार हुआ था। जिले में अब तक 42 हजार परिवारों को ऐसे कार्ड उपलब्ध हो गए हैं। अब बाकी 65 हजार परिवारों के कार्ड बनाने को काम होगा। आज से होंगी बैठकें

आयुष्मान भारत के सूचना प्रणाली मैनेजर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार से इसके लिए सभी सीएचसी- पीएचसी पर प्रभारियों और एएनएम, आशा, जन सेवा केंद्र संचालकों की बैठक शुरू होंगी। जन सेवा केंद्र से यह कार्ड निश्शुल्क बनाए जाएंगे। मशीन पर अंगूठा की छाप लेने के बाद कार्ड बनाने का काम होगा। पत्र नहीं है काफी

आयुष्मान योजना के पात्रों के यहां दो साल पहले केंद्र सरकार ने पत्र भेजे थे। निश्शुल्क इलाज का लाभ लेने को यह पत्र पर्याप्त नहीं है, लाभ केवल कार्ड बनवाकर ही लिया जा सकेगा। इसलिए प्रशासन का उद्देश्य है कि वंचित परिवारों के कम से कम एक सदस्य को यह कार्ड दिया जाए। वैसे, कार्ड परिवार के सभी सदस्यों के बनेंगे।


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