जासमई का इंद्रेश भिंड में नौ अवैध असलहों सहित गिरफ्तार
मैनपुरी से खरीदकर ले गया था ग्वालियर में देनी थी सप्लाई भिंड(मप्र) के तीन साथी पुलिस घेराबंदी तोड़ भाग निकले
जागरण टीम, मैनपुरी: थाना क्षेत्र के गांव जासमई का रहने वाला इंद्रेश उर्फ पंकज चौहान मध्य प्रदेश के भिंड जिले में मंगलवार देर रात नौ अवैध असलहों सहित पकड़ा गया। उसके तीन साथी भाग निकले। पुलिस पूछताछ में इंद्रेश ने बताया कि ये असलहे मैनपुरी से खरीदकर ले गया था। ग्वालियर में इनकी सप्लाई देनी थी। थाना पुलिस इंद्रेश के स्थानीय संपर्क तलाश कर रही है।
भिड पुलिस के मुताबिक, इंद्रेश के कब्जे से पुलिस ने हाफ बट की पांच बंदूकें, 315 बोर के चार कट्टे और 315 बोर के 10 कारतूस मिले हैं। इंद्रेश ने पुलिस को बताया था कि वह मैनपुरी से हाफ बट की एक बंदूक 10 हजार रुपये और सात हजार रुपये में एक कट्टा की दर से खरीदकर लाया था। भिंड निवासी इसके तीन साथी पुलिस घेराबंदी तोड़ भागने में सफल हो गए थे। स्थानीय थाने में मारपीट का मुकदमा
बेवर थाना के इंस्पेक्टर जसवीर सिंह सिरोही ने बताया कि इंद्रेश भिड में कई वर्षो से अपने बहनोई के यहां रहता है। यहां अब तक किसी गंभीर मामले में उसकी संलिप्तता सामने नहीं आई है। एक साल पहले गांव जासमई में मारपीट हो गई थी। इस मामले में उसके खिलाफ धारा 323, 324, 352, 427, 504, 506, के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इंद्रेश की गिरफ्तारी को लेकर भिंड पुलिस ने संपर्क नहीं किया है। फिर भी स्थानीय स्तर पर उसके संपर्क तलाशे जा रहे हैं। पिता बोले, भिंड में मोरंग का कारोबार करता है बेटा
संस, बेवर: जासमई गांव में रह रहे इंद्रेश के पिता पूरन सिंह चौहान ने 'जागरण' को बताया कि बेटा कई साल से भिड में अपने बहनोई के पास रहता है। वो वहां मोरंग का कारोबार करता है। वह कब अपराध में शामिल हो गया, इसकी उनको कोई जानकारी नहीं है। ब्रांडेड कपड़े पहनकर आता था गांव
साधारण परिवार के इंद्रेश उर्फ पंकज का रहन-सहन कुछ वर्षों से बदल गया था। ग्रामीणों के मुताबिक, वह जब भी गांव आता था, ब्रांडेड कपड़े पहनता था। गले में सोने की चेन होती थी। उसके पास महंगे मोबाइल फोन होते थे। गिरफ्तारी से हैरान हैं ग्रामीण
अवैध असलहों सहित इंद्रेश की गिरफ्तारी से ग्रामीण हैरान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वह गांव में सहजता से ही रहता था। एक साल पहले वह गांव आया था। तब पड़ोसी से झगड़ा हो गया था। इसके बाद बाद से वह एक-दो बार ही गांव आया है।