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    मैनपुरी में जानलेवा साबित हो रहा निमोनिया: 3 मासूमों की मौत, सर्दी में रखें बच्चों का ख्याल; ये है लक्षण और बचाव

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 08:09 AM (IST)

    मैनपुरी में सर्दी बढ़ने से निमोनिया, बुखार और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। निमोनिया से तीन बच्चों की मौत हो गई। जिला अस्पताल में 700 से ज्यादा ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मैनपुरी। सर्दी के साथ बुखार, निमोनिया और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अलग-अलग स्थानों पर निमोनिया पीड़ित तीन मासूम की मृत्यु हो गई। जिला अस्पताल की ओपीडी में भी भीड़ उमड़ती रही। 700 से ज्यादा मरीज को उपचार मिला। ज्यादातर सांस की समस्या से परेशान थे। 15 को गंभीर हालत में पीजीआ सैफई के लिए रेफर कर दिया गया।

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    निमोनिया से बच्चों की मौत


    कुरावली क्षेत्र के गांव खेतूपुरा निवासी संतोष कुमार की दो वर्षीय पुत्री शमा कुछ दिन से बीमार थी। निजी चिकित्सक द्वारा निमोनिया होने की जानकारी दी गई। शनिवार तड़के अचानक हालत बिगड़ी तो स्वजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने बालिका को मृत घोषित कर दिया। नगर के मुहल्ला महमूदनगर निवासी सरताज का एक माह का पुत्र अल्फाज भी निमोनिया से बीमार था। निजी चिकित्सक के यहां उपचार चल रहा था। शुक्रवार रात हालत बिगड़ने पर स्वजन अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसे भी मृत घोषित कर दिया।

    सर्दी में दिनों दिन बढ़ रही निमोनिया, बुखार और सांस रोगियों की संख्या

    घिरोर क्षेत्र के नगला भूड़ निवासी विकास कुमार की पत्नी अपने दो माह के पुत्र आरव के साथ तीन दिन पूर्व किशनी क्षेत्र के गांव पिपरा स्थित मायके गई थीं। वहां बच्चा निमोनिया की चपेट में आ गया। शुक्रवार रात हालत बिगड़ने पर निजी डाक्टर के यहां ले गए। जहां से जिला अस्पताल भेज दिया गया। रास्ते में ही मासूम की मृत्यु हो गई। शनिवार को ओपीडी में विभिन्न बीमारियों के 757 मरीजों ने इलाज लिया।

    निमोनिया के लक्षण


    पसीना और कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना।
    खांसी के साथ सांस लेने की गति बढ़ना और छाती का अंदर की ओर खिंचना।
    बच्चे का सुस्त और चिड़चिड़ा होना, खांसते, गहरी सांस लेने पर छाती में दर्द होना।
    भूख कम लगना, आक्सीजन की कमी से त्वचा, होंठ या नाखून नीले पड़ना।
    बलगम वाली या सूखी खांसी आना, घरघराहट और सांस लेने में दिक्कत होना।



    बचाव के उपाय

    डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को न्यूमोकोकल संयुग्मित टीका लगवाना।
     धूमपान से परहेज करना, मास्क का प्रयोग करना, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना।
     पोषण युक्त भोजन करना, जरा भी दिक्कत होने पर योग्य चिकित्सक की सलाह पर ही इलाज कराएं।
     जरा भी दिक्कत होने पर योग्य डाक्टर से ही इलाज कराएं, किसी भी झोलाछाप के चक्कर में ना पड़ें।

     

    सर्दी से बच्चों का रखें बचाव

    जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके शाक्य ने बताया कि लापरवाही से बच्चे निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। समस्या होने पर बच्चे को तत्काल चिकित्सक के पास ले जाएं। निमोनिया दो तरह की बीमारी होती है। पहला लोबर निमोनिया और दूसरा ब्रोंकाइल निमोनिया। लोबर निमोनिया फेफड़ों के एक या ज्यादा हिस्सों को प्रभावित करता है। ब्रोंकाइल निमोनिया दोनों फेफड़ों के पैचेज को प्रभावित करता है। निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए पीसीवी का टीका जरूर लगवाना चाहिए।