पीआइसीयू के लिए आक्सीजन सिलेंडरों की खेप तैयार
कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों में जुट गया है। आक्सीजन की कमी न हो इसके लिए पहले से ही पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड के लिए सिलेंडरों की खेप को सुरक्षित कर लिया गया है।
जासं, मैनपुरी: कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों में जुट गया है। आक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए पहले से ही पीआइसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड के लिए सिलेंडरों की खेप को सुरक्षित कर लिया गया है।
कोरोना की दूसरी लहर में जिले में आक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों की मौतें हुई थीं। इतना ही नहीं, गंभीर स्थिति से जूझ रहे मरीजों को भी सिलेंडरों के लिए बेहद मशक्कत करनी पड़ी थी। अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा आने वाले दिनों फिर संक्रमण की आशंका जाहिर की जा रही है। इसमें बच्चों के चपेट में आने की बात कही जा रही है। ऐसे में जिले में स्थितियां न बिगड़ें, इसे देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रही हैं।
जिला अस्पताल प्रशासन ने आपरेशन थियेटर के परिसर में 16 आक्सीजन के जंबो सिलेंडरों को पीआइसीयू के लिए सुरक्षित कर दिया है। इनके सामान्य इस्तेमाल पर फिलहाल मनाही कर दी गई है। अब एल-2 आइसोलेशन अस्पताल में बनाए गए वार्ड में भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। सीएमओ डा. एके पांडेय का कहना है कि प्लांट की स्थापना में थोड़ा विलंब लग रहा है। ऐसे में हम कोई रिस्क उठाना नहीं चाहते हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के इंतजाम कराए गए हैं। अगर, स्थिति बिगड़ती है तो हमारे पास उसे संभालने के लिए फिलहाल व्यवस्था है। फिर एक में मिला वायरस, सख्ती हुई कम
जासं, मैनपुरी : कोरोना का संक्रमण अभी कम नहीं हुआ है। रोजाना मरीज मिल रहे हैं। इसके बावजूद लापरवाही में कमी नहीं हो रही है। कोविड प्रोटोकाल ताक पर है। जिम्मेदारों के स्तर से सक्रियता नहीं बरती जा रही है।
चौबीस घंटों में एक व्यक्ति में फिर से कोरोना का संक्रमण मिला है। सैफई में हुई ट्रू नेट जांच में मरीज में वायरस की पुष्टि हुई है। संक्रमित मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। मंगलवार को नौ मरीजों में वायरस मिला था। कंटेनमेंट जोन कम नहीं हो रहे हैं। खतरे का अंदाजा होने के बावजूद जिम्मेदारों के स्तर से सक्रियता नहीं बरती जा रही है। कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है। सरकारी दफ्तरों के अलावा जिला अस्पताल, 100 शैया में भी कोविड हेल्प डेस्क की व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तो सख्ती पूरी तरह से गायब हो चुकी है।
मरीजों के साथ तीमारदारों की भीड़ यहां दिन भर दिखती है। इनडोर वार्डों में भी एक मरीज के साथ आधा दर्जन से ज्यादा तीमारदार मौजूद रहते हैं। बाजारों और सड़कों पर भी बिना मास्क के लोगों की चहल-पहल को आसानी से देखा जा सकता है। प्रशासन द्वारा ढिलाई बरते जाने की वजह से लोगों में सख्ती को लेकर भय नहीं दिख रहा है। एसडीएम सदर ऋषिराज का कहना है कि बार-बार अपील के बावजूद लोग समझने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में प्रशासन को कार्रवाई का रुख करना होगा।