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बेटों से ज्यादा प्रिय मोदी, लिखूंगी जमीन

अपने फैसले पर कायम रही बिट्टन देवी भोजन लेकर पहुंचे आरएसएस कार्यकर्ता मां को समझाने में जुटे रहे तीनों बेटे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 06:30 AM (IST)
बेटों से ज्यादा प्रिय मोदी, लिखूंगी जमीन
बेटों से ज्यादा प्रिय मोदी, लिखूंगी जमीन

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: वृद्धा बिंट्टन देवी को अपने बेटों पर भरोसा नहीं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद से प्रभावित हैं। अब अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री के नाम लिखने पर अड़ी हैं। तीन बेटे और बहुएं समझाकर थक गए हैं, मगर वह मानने को तैयार नहीं हैं। बेटों ने मानसिक हालत का हवाला देकर एसडीएम से गुहार लगाई है।

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किशनी के गाव चितायन निवासी 85 वर्षीय वृद्धा कुंविर उर्फ बिट्टन देवी पत्नी पूरन लाल इन दिनों इलाके में चर्चा का केंद्र बनी हैं। वृद्धा के पति की मौत हो चुकी है। उसके तीन बेटे और बहुएं हैं। बुधवार को वह तहसील में अधिवक्ता कृष्णप्रताप सिंह चौहान के बस्ते पर जा पहुंचीं। बोलीं, मेरे बेटे ठीक से खयाल नहीं रखते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई पेंशन योजना से जीवनयापन हो रहा है। वह मोदी के कामों से खुश हैं। इस कारण अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं।

वृद्धा के फैसले की जानकारी मिलते ही स्वजन मनाने में जुट गए। ग्रामीणों के मुताबिक देर रात तक पुत्र रामफेर, जीवनलाल और भोले राम व उनकी पत्निया, बिट्टन देवी से बात करती रहीं। मगर, वृद्धा नहीं मानी। गुरुवार दोपहर तीनों बेटे एसडीएम रामसकल मौर्य से मिले। कहा, मा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। अक्सर इसी तरह की बात कहती हैं। ऐसे में जमीन को लेकर कोई फैसला न किया जाए।

उधर, मामले की जानकारी मिलने पर गुरुवार दोपहर आरएसएस के खंड कार्यवाह व अधिवक्ता कृष्णा चौहान कुछ साथियों संग गाव पहुंचे। उन्होंने वृद्धा को खाने-पीने का सामान दिया। वृद्धा के तीनों पुत्रों से उनका ख्याल रखने को कहा।

एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि वृद्धा के स्वजनों को उनको मनाने की सलाह दी गई है। बिट्टन देवी जमीन को लेकर कोई प्रार्थना पत्र देतीं हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जागरण से बोलीं बिट्टन देवी

बेटे और बहू ख्याल नहीं रखते। कोरोना काल में खाद्य सामग्री, फसल ओलावृष्टि आदि के तहत लाभ मिला। किसान सम्मान योजना में भी आíथक मदद मिली। इसके चलते ही यह फैसला लिया है।


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