हद है, बातों-बातों में ही गुजार दिए नौ दिन
विशेष स्वच्छता अभियान को जिम्मेदार ही लगा रहे पलीता, एक हजार कूड़ेदान रखवाने का था दावा, नौ दिन में कोई इंतजाम नहीं।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए शासन विशेष स्वच्छता अभियान चला रहा है। 25 जनवरी तक लोगों को जागरूक करना है, लेकिन यहां तो अभियान सिर्फ कागजों में दौड़ रहा है। पालिका प्रशासन ने दावा किया था कि एक हजार कूडे़दान रखवाकर शहर की सूरत बदल देंगे। काम तो हुआ नहीं, बातों-बातों में अभियान के नौ दिन गुजार दिए।
26 दिसंबर से शुरू हुआ विशेष सफाई अभियान शहर में दम तोड़ने लगा है। कचहरी रोड, राधा रमन रोड, स्टेशन रोड, आगरा रोड पर दो दर्जन से ज्यादा स्थानों पर सड़कों के किनारे ही कूड़ा डंप किया जा रहा है, जबकि पालिका प्रशासन ने दावा किया था कि शहर में मुख्य सड़कों के किनारे लगभग एक हजार कूडे़दान रखवाए जाएंगे। ताकि, लोग इनमें कचरा फेंक सकें। लेकिन, अभियान के नौ दिन बीतने के बावजूद एक भी नया कूड़ादान नहीं रखवाया जा सका है। प्रतिस्पर्धा में भी हो गए थे फेल: शासन स्तर पर 15 नवंबर से 15 दिसंबर 2018 तक स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा का आयोजन कराया गया था। इसके लिए भी मानक निर्धारित किए थे। लेकिन, पूरे महीने जागरूकता के कार्यक्रम नहीं हुए। मनमाने ढंग से कराए गए सर्वे के आधार पर सिर्फ एक वार्ड को ही विजेता घोषित कर दिया गया। दूसरे और तीसरे नंबर पर कोई भी वार्ड अपना दखल कायम न रख सका। हर किसी ने मोड़ा जबावदेही से मुंह: क्रिश्चियन तिराहा से ईशन नदी तिराहा के बीच सीएमओ कार्यालय, रोडवेज बस स्टैंड, जिला सहकारी बैंक, कोतवाली, सदर तहसील, एलआइसी कार्यालय संचालित हैं। भांवत चौराहा से क्रिश्चियन तिराहा तक कई बैंक शाखाएं, आयकर विभाग कार्यालय, को¨चग सेंटर्स, कई शॉ¨पग कांप्लेक्स, घंटाघर से मदार दरवाजा तक नगर पालिका परिषद कार्यालय संचालित हैं। रोजाना, इन्हीं रास्तों से जिले के अलग-अलग विभागों के जिम्मेदार कई बार गुजरते हैं। लेकिन, सड़कों के किनारे लगे गंदगी के ढेर को हटवाने को किसी ने भी पहल नहीं की।