न सजे बूथ, न ही बजी सीटी, बीत गया पोलियो रविवार
जिला में लगाए 987 बूथ डीएम ने गोला बाजार में पिलाई मासूम को दवा जागरूकता के नाम पर किसी बूथ पर नहीं दिखी रौनक न बैनर मिले न पोस्टर।
दृश्य एक :
बूथ संख्या दो, अंबेडकर पार्क पुलिस लाइन रोड। दोपहर 12:06 बजे यहां दो सौ के लक्ष्य के सापेक्ष 52 बच्चों को दवा पिलाई गई थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता पाल, सहायिका उर्मिला को मात्र एक पोस्टर दिया गया था। बैठने के लिए कुर्सियां तक मुहल्ले से मांगकर लानी पड़ीं। दृश्य दो :
बूथ संख्या 23, आश्रम रोड। दोपहर 12:37 बजे यहां 54 बच्चों ने दवा ली थी। स्थिति यहां भी एक जैसी ही रही। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्ञान कुमारी, आशा रेखा और सहायिका ममता को सिर्फ पोस्टर देकर रवाना किया गया था। बैठने के लिए कुर्सियों के लिए यहां भी मशक्कत करनी पड़ी। मैनपुरी, जागरण संवाददाता। पल्स पोलियो के खिलाफ रविवार को पूरे जिले में 987 बूथों का आयोजन कर बच्चों को जिदगी की खुराक पिलाई गई। गोलाबाजार स्थित बूथ पर खुद जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मासूम बच्चों को दवा पिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लेकिन, हैरत तो इस बात की रही कि राष्ट्रीय कार्यक्रम में न तो कोई बूथ सजा और न ही सीटी बजी। यही नहीं, जागरूकता के लिए मंगाए गए बैनर, पोस्टर और दूसरी सामग्री भी बूथों से गायब रही। डीएम ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं जिम्मेदार बनें और बूथों पर पहुंचकर अपने बच्चों को पोलियो मुक्ति के लिए दवा पिलवाएं। सीएमओ डॉ. एके पांडेय का कहना है कि जिला में 3,13,739 बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस मौके पर एसीएमओ डॉ. राजीव राय, डॉ. सीएम यादव, संजीव पांडेय, डॉ. वीपी सिंह, रविद्र गौर, पंकज शर्मा आदि मौजूद थे। चॉकलेट से लेकर खिलौने और टोपियों की है व्यवस्था
डब्ल्यूएचओ द्वारा संचालित इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रति लोगों की ललक बढ़े, इसके लिए बाकायदा सामग्री की व्यवस्था की जाती है। अभियान में चलने वाले लोगों को पीले रंग की एप्रन और प्रचार के लिए बैनर दिया जाता है। इतना ही नहीं, बूथ पर आने वाले बच्चे आसानी से दवा पीएं, इसके लिए उन्हें खिलौने, गेंद, सीटी और चॉकलेट आदि भी दी जाती हैं। सभी कर्मचारियों को टोपियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन मैनपुरी में प्रचार-प्रसार के लिए आने वाली यह निश्शुल्क सामग्री कभी बूथों तक पहुंचाई ही नहीं जाती। बूथों पर ज्यादा से ज्यादा लोग पहुंचें, इसके लिए बाकायदा प्रचार प्रसार कराया जाता है। अभियान में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जा रही है। फिर भी यदि कहीं कोई कमी रही है तो उसे दूर कराया जाएगा।
डॉ. एके पांडेय, सीएमओ।