उद्योग को पंख और रेलवे को गति दिलाए सांसद
दैनिक जागरण के मेरा शहर- मेरा सांसद कार्यक्रम में बोले चिकित्सक जिले का सुनियोजित विकास कराने की है जरूरत।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य, शिक्षा में पिछड़े जिले को सुनियोजित विकास की जरूरत है। रोजगार व उद्योग से ही विकास का पहिया आगे बढ़ेगा और युवाओं का दूसरे जिलों की ओर पलायन रुकेगा। तीमारदारों का भय दूर कराने के लिए भी सांसद को प्रयास करने होंगे। ऐसा होने से चिकित्सक दूसरे जिलों में जाने के बजाय यहीं रहकर मरीजों का पूरे सेवाभाव से इलाज कर सकेंगे।
यह बातें निजी चिकित्सकों ने रविवार को दैनिक जागरण के मेरा शहर-मेरा सांसद कार्यक्रम में कहीं। शहर के गोमती क्लीनिक पर हुए कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि तमाम संघर्ष और प्रयासों के बाद भी जिले की रेल सेवा बेहतर नहीं हुई। इटावा का विकास रेल सुविधाएं ठीक होने से ही हुआ है। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जबकि जनता तमाम बार आगे आई। इस सुविधा की कमी से वायु प्रदूषण भी पनप रहा है। सर्वाधिक कैंसर मरीज होने के बाद यूनिट राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में शुरू नहीं हो पा रही है, न इसके पैदा होने के कारक ही खोजे गए हैं। तंबाकू पर रोक से कुछ भला हो सकेगा।
डॉ. चन्द्रेश राजपूत ने रोजगार के साधनों का अभाव और उद्योगों की कमी को सामने रखते हुए इसे युवाओं के पलायन की वजह बताया। भूगर्भ जल स्तर कम होने और ईंशन नदी का अस्तित्व समाप्त होने पर चिता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए नागरिक जागरूक नहीं है। पीने योग्य मीठे पानी को बेवजह बर्बाद किया जाता है।
डॉ. अखिलेश पाल सिंह ने जिले में बेहतर शिक्षा का अभाव होने की बात करते हुए कहा कि जब तक नकल की प्रवृति पर अंकुश नहीं लगेगा, शिक्षा का उद्धार नहीं हो सकेगा। जिले के युवाओं के ऊंचे सपनों के लिए बेहतर शिक्षा और संस्थानों का होना भी जरूरी है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी की बात करते हुए कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा। जिला अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन का इंतजाम भी कराना होगा। शहर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी की बात पर उन्होंने बेहतर शिक्षा का अभाव और तीमारदारों के डर को इसकी वजह बताया। कहा कि इसी वजह से समूचे शहर में कोई मेडीकल स्टोर नहीं खुलता है।
नीलगाय और बेसहारा जानवरों की बात आने पर चिकित्सक डॉ. योगेंद्र सिंह ने कहा कि पहले काफी अरहर पैदा होती थी, नील गाय के कारण यह समाप्त हो गया। शहर में गंदगी के लिए नागरिक और पालिका को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि खेती- किसानी से जुड़े उद्योग विकसित करने पर भी यहां ध्यान नहीं दिया गया, जबकि लहसुन और आलू किसानों को राहत देने को कोई काम नहीं हुआ है। इस दौरान कमल शर्मा एड. भी मौजूद रहे।
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चिकित्सकों की टॉक-
जिला अस्पताल से बीमार और हादसों के घायल सैफई रेफर किए जाते हैं। तमाम मरीजों की इलाज के दौरान मौत भी होती है। सैफई में पोस्टमार्टम का इंतजाम नहीं होने से तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड़ती है। सांसद को सैफई में ही इसका इंतजाम कराना चाहिए। जिला अस्पताल में सीजेरियन ऑपरेशन कराने की भी पहल करने के साथ चिकित्सकों की व्यवस्था करानी चाहिए।
डॉ. निर्मल राजपूत।
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शहर और जिला के सुनियोजित विकास पर सांसद को काम करना होगा। रोजगार के लिए रेल सेवाओं का विस्तार कराना होगा, इससे रोजगार पैदा होंगे। नए उद्योग लगवाने से भी जिला विकास की दौड़ में आएगा। आगरा और कानपुर के लिए रेल सेवा शुरू कराने से छात्र और व्यापारियों के अलावा हर वर्ग को लाभ मिलेगा। छोटे उद्योगों की स्थापना से युवाओं का काफी लाभ मिलेगा।
डॉ. नितिन मिश्रा।
उच्च शिक्षा के बेहतर संस्थान यहां स्थापित होने से छात्रों की दूसरे शहरों पर आत्मनिर्भरता कम होगी। ऐसा होने के अलावा सुरक्षा का इंतजाम होने से निजी विशेषज्ञ चिकित्सक यहां रहकर मरीजों का इलाज कर सकेंगे। राजकीय इंजीनियरिग कॉलेज के साथ व्यावसायिक शिक्षा के श्रेष्ठ संस्थान भी यहां आने से काफी विकास होगा। शिक्षा का पिछड़ापन दूर होने से विकास दिखेगा।
डॉ. डीएस यादव। पर्यटन के साधन विकसित करने होंगे। पहले से मौजूद स्थानों को पर्यटकों के लिहाज से तैयार करना होगा। पीने के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए नागरिकों को जागरूक करके जुर्माने का प्रावधान विकसित करना होगा। स्वच्छता के लिए पालिका और नागरिकों को एक-दूसरे का सहयोग करना होगा, जिससे शहर सुंदर रह सके। आलू और लहसुन की बेहतरी के लिए यूनिट लगानी होंगी।
डॉ. शशांक गुप्ता।