विवाहिता और उसकी मां की चाकू-हंसिया से गोदकर हत्या
दहेज में कार और पांच लाख की नकदी की मांग को लेकर हत्या करने का आरोप मंगलवार को विवाहिता से मिलने ससुराल पहुंची थी मां हत्यारोपित देवर पकड़ा।
संसू, बिछवां (मैनपुरी): ससुराल में छत पर सो रही विवाहिता और उसकी मां की देवर ने मंगलवार रात चाकू-हंसिया से गोदकर हत्या कर दी। आरोपित देवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य ससुरालीजन फरार हैं। विवाहिता के पिता ने आठ लोगों पर दहेज प्रताड़ना और चार पर हत्या और दहेज प्रताड़ना की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कन्नौज के थाना छिबरामऊ क्षेत्र स्थित गांव नोगाई निवासी राजकिशोर की पुत्री अंजू का विवाह जून 2018 को बिछवां थाना के गांव हेमपुरा निवासी सेना के जवान विपिन कुमार से हुआ था। विवाह के बाद ही ससुरालियों और अंजू के बीच संबंध खराब हो गए। ससुराली अंजू को किसी कीमत पर घर में रखने को तैयार नहीं थे। पति ने तलाक की अर्जी भी डाल रखी है।
एक सप्ताह पहले अंजू ससुराल पहुंची और घर में रहने के लिए जिद करने लगी। सूचना पर पहुंची पुलिस अंजू और उसके ससुरालियों को थाना ले आई। पुलिस के सामने दोनों पक्ष अपने-अपने घर जाने को तैयार हो गए। बाद में अंजू मायके जाने के लिए तैयार नहीं हुई। सोमवार को थाना पुलिस अंजू को लेकर ससुराल पहुंची। एक कमरे का ताला तोड़कर उसमें अंजू को ठहरा दिया। अंजू ने अपनी मां सुखदेवी को भी बुला लिया।
मंगलवार रात 11 बजे अंजू और उनकी मां छत पर बने बरामदे में सो रहे थे। उन पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया गया। मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। एसपी अजय कुमार, एएसपी ओमप्रकाश सिंह मौके पर पहुंच गए।
इनके खिलाफ दर्ज हुई रिपोर्ट
अंजू के पिता राजकिशोर ने आरोप लगाया कि शादी के बाद ससुरालीजन पांच लाख रुपया और कार की मांग करते थे। मांग पूरी न होने पर पति विपिन, सास धनदेवी, ससुर पुष्पेंद्र, देवर कुलदीप, जेठ रोहित, जेठानी रागिनी, रिश्तेदार अवनीश और विजय सिंह निवासी बागपुर बेवर उत्पीड़न करते थे। मांग पूरी नहीं हुई तो कुलदीप, पुष्पेंद्र, धनदेवी और रागिनी ने अंजू और उनकी मां की हत्या कर दी।
पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। फरार आरोपितों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।- अजय कुमार, एसपी मैनपुरी
जान निकलने के बाद भी करता रहा हंसिया से प्रहार: अंजू और उसकी मां की जान निकलने के बाद भी हत्यारोपित कुलदीप की आंखों में जूनून सवार था। दोनों के शरीर तड़प कर शांत हो गए थे, लेकिन कुलदीप उन पर हंसिये से प्रहार करता रहा। जब दोनों की मौत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हो गया तब प्रहार करना बंद किया। यह देख रहे लोगों के दिल कांप उठे। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों के चीखने की आवाज सुनकर वे मौके पर पहुंचे तो वहां कुलदीप मौजूद था। उसे रोकने की कोशिश की तो खून से सना हंसिया तानकर खड़ा हो गया। पास आने वाले को जान से मारने की धमकी देने लगा। इससे मौके पर पहुंचे लोग दहशत में आ गए। कोई भी व्यक्ति मां-बेटी को बचाने के लिए पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। ग्रामीणों के मुताबिक तड़पती मां-बेटी के शरीर शांत होने के बाद भी कुलदीप ने उन पर प्रहार जारी रखे। इसके बाद भागने के बजाय वह घर के अंदर चला गया।
पुलिस गिरफ्त में भयभीत हो गया कुलदीप
हत्या के समय कुलदीप बुरी तरह दहाड़ रहा था। बार-बार कह रहा था कि इस औरत ने मेरे परिवार की जिदगी नर्क कर दी है। इसका मरना जरूरी है। उसकी आंखों में खून तैर रहा था। लेकिन, जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसके चेहरे के भाव बदल गए।
नाली में बह रहा था खून
एसपी के अलावा अन्य अधिकारी रात में ही मौके पर पहुंच गए। घटना स्थल पर खून पड़ा था, जो बहकर नाली में पहुंच गया। फोरेंसिक टीम ने मौके के नमूने लिए।
पुलिस की नासमझी से गई दो जानें
ससुरालीजन अंजू को अपने साथ रखने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन वह ससुराल में रहने की जिद पर अड़ी हुई थी। पुलिस ने उसकी मदद का निर्णय लिया। यहीं पुलिस से गलती हो गई। ससुरालियों से विरोध के बाद भी पुलिस ने जबरिया अंजू को ससुराल में पहुंचा दिया, जिससे दो जानें चली गई।
पास्टमार्टम परिसर बना रहा छावनी
मां-बेटी के शवों को रात में ही पोस्टमार्टम हाउस पर लाया गया था। मायके से तमाम लोग सुबह होने से पहले ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। मायके वालों में काफी गुस्सा था। वे जाम लगाकर हंगामा करना चाहते थे। इसी भनक लगते ही पोस्टमार्टम हाउस को छावनी बना दिया गया।