सुबह छाए बादल, दोपहर में खिली धूप
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शुक्रवार सुबह आसमान में छाए बादलों ने किसानों की धड़कनें बढ़
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शुक्रवार सुबह आसमान में छाए बादलों ने किसानों की धड़कनें बढ़ा दी थीं। कुछ देर तक बूंदाबांदी के बाद बादल छंट गए और दोपहर में धूप खिली। किसानों को मौसम खराब होने का डर अब भी सता रहा है। अगर बारिश होती है तो खेतों में पड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो जाएगी। हालांकि हल्की बूंदाबांदी के चलते फसलों को कोई नुकसान नहीं है।
अप्रैल की शुरुआत से ही मौसम बार-बार करवट ले रहा है। एक बार बारिश होने के चलते गेहूं की फसल भीग गई थी। इससे किसानों को काफी परेशानी हुई थी। एक बार फिर जब शुक्रवार को सुबह मौसम ने पलटी मारी तो किसानों की आंखों की नींद उड़ गई। रात दो बजे से आसमान में बादल घुमड़ने लगे थे। सुबह होते होते हल्की बूंदा-बांदी शुरू हो गई, जिससे खेतों में गेहूं की कटाई और मढ़ाई का काम रुक गया। आसमान में छाए बादलों को देखकर भीषण बारिश के आसार नजर आ रहे थे। बादलों को देखकर किसानों की धड़कनें भी बढ़ गई थीं। गनीमत रही कि कुछ ही देर में बूंदा-बांदी बंद हो गई और दिन में धूप खिली।
गेहूं की कटाई का काम जोरों पर है। अब तक लगभग 30 फीसद फसल की कटाई ही हो पाई है। जिले में लगभग 1.60 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल में गेहूं की खेती है। पहले भी एक बार बारिश होने से गेहूं की फसल भीग गई थी। बारिश के कारण खड़ी गेहूं की फसल को तो कम नुकसान हुआ था, लेकिन जिन किसानों ने गेहूं के गट्ठर बांध दिए थे उन्हें सुखाने के लिए दोबारा गट्ठर खोलकर सुखाने पड़े। अगर अब फिर से बारिश होती है तो गेहूं की फसल में नुकसान होना तय है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. विकास रंजन चौधरी बताते हैं कि भीगने से गेहूं का दाना काला पड़ जाएगा। जिससे इसकी कीमत भी घट जाएगी।
मूंगफली और मक्का में होगा फायदा
एक ओर जहां गेहूं की फसल के लिए बारिश के नुकसान पहुंचाएगी तो वहीं मूंगफली और मक्का की फसल के लिए ये वरदान साबित होगी। अभी खेतों में मूंगफली फूल रही है तो मक्का की फसल भी बढ़वार पर है। ऐसे में दोनों ही फसलों में पानी की जरूरत है। अगर बारिश हो जाती है तो किसानों को इन दोनों ही फसलों की ¨सचाई नहीं करनी पड़ेगी।