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बेसहारा पशुओं के लिए संकट मोचक बनी मनरेगा

गोवंश के लिए विकसित होंगे चरागाह, खोदे जाएंगे तालाब, शासन के निर्देश के बाद अधिकारियों ने शुरू की कवायद।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 09:44 PM (IST)
बेसहारा पशुओं के लिए संकट मोचक बनी मनरेगा
बेसहारा पशुओं के लिए संकट मोचक बनी मनरेगा

श्रवण कुमार शर्मा, मैनपुरी: बोझ बने पशुओं के लिए पशुपालकों को अब पर्याप्त व्यवस्थाओं के साथ चरागाह मिलेंगे। चारा के साथ ही सुरक्षा की भी व्यवस्था होगी। इसके लिए मनरेगा से व्यवस्था की जाएगी।

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जिला के नौ ब्लॉकों में चरागाह प्रस्तावित हैं। प्रत्येक चरागाह आधे से पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल में होगा। मनरेगा से एक चरागाह को सजाने संवारने पर हजारों रुपये खर्च होंगे। प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है। मनरेगा के तहत चरागाह के लिए आवंटित जमीन पर पशुओं के पानी पीने के लिए तालाब भी बनेगा। इसके लिए भूमि के चारों तरफ खाई खोदी जाएगी। ताकि बेसहारा पशु बाहर न निकल सकें। चरागाह के चारों तरफ पौधरोपण, खाली जमीन पर चारा उगाने के साथ ही सबमर्सिबल पंप आदि लगेंगे। पशुओं की देखरेख के लिए पशु चिकित्सक की तैनाती की जाएगी। इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई हैं। अब पशुओं का नहीं होगा वध: चरागाह निर्मित होने के बाद पशुपालकों की काफी समस्याएं दूर हो जाएंगी। पशुओं के क्रय-विक्रय और परिवहन के नए नियमों की वजह से वर्तमान में पशुपालक परेशान हैं। पशुपालकों का कहना है कि गाय के बछड़े की बिक्री नहीं हो रही है। खेतों की जोताई ट्रेक्टर से होने के कारण अब बैलों की जरूरत नहीं होती है। छोड़ देने पर यह खेतों को नुकसान पहुंचाते हैं। चरागाह बनने के बाद एक बोझ खत्म हो जाएगा। इन पशुओं को वहां छोड़ा जा सकेगा। बिक्री के बाद पशुओं के होने वाले वध से भी मुक्ति मिलेगी।


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