दल मिले, अब दिल मिलाने का दौर
बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन पर सपाइयों ने भी दिखाई भरपूर उमंग। धुर विरोधी रहे नेता दिखे नजदीक, हंसी-ठिठोली के बीच हुई गलबहियां।
मैनपुरी (दिलीप शर्मा) । नीले रंग में रंगी महफिल और कलफ से तनी खाकी। कोई हाथी का सवार तो कोई साइकिल का महारथी, परंतु आत्मीयता ऐसी कि फर्क करना मुश्किल। दलों के मिलन के बाद दरअसल यह दिलों के भी मिलने का दौर था। यह सब बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन समारोह में चलता रहा। जिस उत्साह से बसपाई इसमें शामिल थे, उतना ही उल्लास सपाइयों में भी झलक रहा था। हंसी-ठहाकों के बीच गलबहियां भी हुईं।
बसपा सुप्रीमो का जन्मदिन यूं तो हर साल इसी तरह केक काटकर मनाया जाता है, परंतु इस बार आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के गठबंधन के बाद इस पर विरोधियों की भी निगाहें गड़ी थीं। वजह, गठबंधन के यह सवाल भी उछाले गए कि संगठन स्तर पर नेताओं में गठबंधन का भाव पूरी तरह नहीं आएगा। असहयोग की स्थिति भी बन सकती है, लेकिन यहां शायद सपाई और बसपाई भी इन कयासों को बेमतलब साबित करने की तैयारी करके आए थे। यही वजह रही कि बसपा ने जहां सुबह लोगों को आयोजन का न्योता दिया, सपाई उससे पहले ही इसी आयोजन के लिए लोगों को आमंत्रित करने का फर्ज निभा रहे थे। जब आयोजन शुरू हुआ तो यही कैमिस्ट्री हर तरफ नजर आई। सुबह जब केक कटा तो सदर विधायक राजू यादव के साथ सपा के जिलाध्यक्ष, शहर अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी इस तरह शामिल हुए जैसे वह अखिलेश यादव का जन्मदिन मन रहे हों। सपा से सांसद तेज प्रताप बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में थे, ऐसे में वह केक कटने के वक्त नहीं पहुंचे। परंतु सम्मेलन खत्म होते ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बसपाईयों से पूरे स्नेह से मिले। बसपाई भी अपनेपन से आवभगत में जुटे रहे। नीली पगड़ी के ऊपर लोहिया टोपी
सपा विधायक समेत अन्य नेताओं को बसपाईयों ने आते ही नीली पगड़ी पहनाई। इसके बाद सपाइयों ने लोहिया की पहचान लाल टोपी निकाली, इसे पगड़ी पर लगाने की बात कही और ठहाके लगने लगे। दिग्गजों ने दिखाया लखनवी शिष्टाचार
केक काटने के बाद सपा और बसपा के नेताओं ने लखनवी शिष्टाचार भी दिखाया। दोनों एक-दूसरे से पहले आप-पहले आप करते हुए केक खाने की जिद करते दिखे।