Move to Jagran APP

शिक्षक का था ख्वाब, मुफ्त शिक्षण से किया साकार

मैनपुरी, बेवर : शिक्षक बनने के जुनून ने एक महिला को इस कदर प्रभावित किया कि उसने बच्चों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)
शिक्षक का था ख्वाब, मुफ्त शिक्षण से किया साकार
शिक्षक का था ख्वाब, मुफ्त शिक्षण से किया साकार

मैनपुरी, बेवर : शिक्षक बनने के जुनून ने एक महिला को इस कदर प्रभावित किया कि उसने बच्चों को शिक्षित करना ही जीवन का लक्ष्य बना लिया। अब सुबह हो या शाम बस उनके आसपास बच्चों की महफिल लगी रहती है। वे बच्चों को दो दशकों से शिक्षा का दान कर रही हैं।

loksabha election banner

बेवर के मुहल्ला काजीटोला चमनगंज निवासी 50 वर्षीय शबनम कौसर हमेशा से ही एक शिक्षक बनना चाहती थीं। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने उर्दू से मौलवी की शिक्षा पास की। कई बार प्रयास करने के बाद भी उनका चयन शिक्षक के पद पर नहीं हो सका। उनका निकाह बेवर निवासी डॉ. जलालुद्दीन से हो गया। वे शिक्षक तो न बन सकीं, लेकिन उन्होंने पूरा जीवन शिक्षा के दान को समर्पित कर दिया। इसके लिए उन्होंने घर से ही शुरुआत की। जो भी बच्चे घर के आसपास खेलते हुए दिखाई देते उन्हें पढ़ाने के लिए बैठ जातीं। धीरे-धीरे पूरे नगर के लोग उन्हें जानने लगे। इसके बाद तो उनके घर में सुबह-शाम स्कूल की कक्षा लगने लगी। वे बच्चों को पूरे मन से पढ़ाती। उनके पास पढ़ने वाले बच्चे किसी कॉन्वेंट स्कूल से पीछे नहीं रहते। 20 सालों से उनकी ये सेवा अनवरत जारी है।

शबनम के बेटे भी किसी से कम नहीं हैं। बड़ा बेटा शमशुल बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा है तो छोटा बेटा चंदन भी परास्नातक है। शबनम बताती हैं कि बच्चों को पढ़ाने से उन्हें बहुत सुकून मिलता है। ऐसा लगता है कि शिक्षक बनने की ख्वाहिश पूरी हो गई हो। वे बताती हैं कि जीवन में उनका एक ही लक्ष्य था और वह था शिक्षक बनना। किन्हीं कारणों से वे शिक्षक नहीं बन सकीं। इसलिए जब तक जीवन है शिक्षण कार्य करती रहेंगी।

उर्दू की भी देती हैं जानकारी

शबनम ने उर्दू से मौलवी की परीक्षा पास की थी, इसलिए उन्हें उर्दू का भी अच्छा ज्ञान है। बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अगर कोई भी उर्दू सीखना चाहता है तो वे उसे उर्दू भी सिखाती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.