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घटाओं को उड़ा ले गई हवा

बीते वर्ष की अपेक्षा जुलाई में पांच गुना कम बारिश हुई। सूखे की आशंका ने किसानों की नींद उड़ा दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 11:32 PM (IST)
घटाओं को उड़ा ले गई हवा
घटाओं को उड़ा ले गई हवा

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: आसमान में छाई काली घटाएं गुरुवार को भी लोगों को धोखा दे गईं। गुरुवार को सुबह आसमान में छाए बादलों को देख लोगों को उम्मीद जगी थी कि आज झमाझम बारिश होगी। लेकिन कुछ ही देर में हवा बादलों को उड़ा ले गई। शहरी क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी हुई, लेकिन आसपास के क्षेत्र को बूंदाबांदी भी नसीब नहीं हुई। इसके बाद पूरे दिन लोग गर्मी और उमस से परेशान रहे।

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मैनपुरी के बाशिंदे बारिश को तरस रहे हैं। जुलाई के महीने में अब तक केवल एक बार तेज बारिश हुई है। जिसके बाद से केवल बूंदाबांदी से ही लोगों को संतोष करना पड़ रहा है। बारिश न होने से एक ओर जहां लोग गर्मी से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर किसानों को सूखे की चिंता सता रही है। अगर जल्द बारिश न हुई तो किसानों के सामने फसलों की ¨सचाई का संकट खड़ा हो जाएगा। सावन शुरू होने में बस कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन अब तक मानसून ने दस्तक तक नहीं दी है। मैनपुरी में एक बार हुई तेज बारिश के बाद किसानों ने धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया था। लेकिन पिछले एक सप्ताह से बारिश न होने के चलते किसानों की फसलें सूखने लगी हैं। गांव जिरौली निवासी किसान हरेंद्र शाक्य ने बताया कि उन्होंने दो हेक्टयेर में धान की रोपाई कर दी है। लेकिन बारिश न होने से अब धान की फसल सूख रही है। अगर निजी संसाधनों से ¨सचाई करते हैं तो एक बार का खर्च तीन हजार रुपये तक आएगा। गांव देवामई के किसान हरिओम ने बताया कि उन्होंने एक महीने पहले नर्सरी तैयार कर ली थी। बारिश न होने से अब तक वे धान की रोपाई नहीं कर सके हैं। दो-चार दिन में अगर नर्सरी न रोपी गई तो नर्सरी भी खराब हो जाएगी। अगर वे निजी संसाधनों से धान की रोपाई या ¨सचाई करते हैं तो लागत काफी बढ़ जाएगी। यही हाल जिले के अन्य किसानों का भी हैं। जुलाई में अब तक केवल 31 मिमी बारिश

मैनपुरी में जुलाई माह में अब तक केवल 31 मिमी बारिश ही हुई है। जो बीते वर्षों की अपेक्षा पांच गुने से भी कम है। बीते वर्ष 19 जुलाई तक जिले में 158 मिमी बारिश हुई थी। इस साल जून का महीना भी सूखा ही निकल गया। क्योंकि बीते वर्ष जून में जहां 79.74 मिमी बारिश हुई थी जबकि इस बार जून में केवल 26.5 मिमी बारिश ही हुई है। बड़े पैमाने पर होती है धान की खेती

धान की खेती के लिए मैनपुरी पूरे प्रदेश में जाना जाता है। यहां हजारों किसान धान की खेती करते हैं। धान की फसल में ¨सचाई की अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में बिना बारिश के धान की फसल तैयार होना संभव ही नहीं है। अगर बारिश नहीं होती है तो धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। किसानों को इससे बड़ा झटका लगेगा।


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