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दुखों, पापों का नाश करती हैं मां जननी

मैनपुरी, भोगांव : जगत जननी, शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)
दुखों, पापों का नाश  करती हैं मां जननी
दुखों, पापों का नाश करती हैं मां जननी

मैनपुरी, भोगांव : जगत जननी, शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों का नाश हो जाता है। देवी मां ने पृथ्वी पर उत्पात मचाने वाले बड़े-बड़े राक्षसों का विनाश कर उन्हें स्वर्गधाम पहुंचाया था। मां दुर्गा अपने विभिन्न स्वरूपों से पूरे जगत में विद्यमान हैं।

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ये बात विधूना के कथावाचक बाल व्यास यशवीर जी महाराज ने कबीरगंज में स्थित गमां देवी मठिया परिसर में मां पुराण कथा में कही। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा आदिकाल से इस संसार में व्याप्त है। वह भक्तों के दुख दूर करने के लिए विभिन्न स्वरूपों को धारण कर राक्षसों का वध कर भक्तों व संसार का कल्याण करती हैं। मां भगवती थोड़ी सी पूजा-अर्चना से ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं। नवरात्र के दिनों में मां भगवती की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। शक्ति स्वरूपा मां का माता की उपासना करने से व्यक्ति को सुख शांति व समृद्धि मिलती है।

इस दौरान हरिओम यादव, जयपाल यादव, दिलीप गुप्ता, शीलू यादव, करू वर्मा, बंटू गुप्ता, शिवशंकर वर्मा, नंदू वर्मा, संजीव तिवारी, कुलदीप वर्मा, लल्लू वर्मा, ईशू यादव, नीरू वर्मा, कल्लू जैन, संजय वर्मा, रमेश चंद्र वर्मा, अजय यादव गुल्लू आदि मौजूद रहे।

सत्संग से दूर होते दुर्गुण

घिरोर : नगर के मुख्य मार्ग स्थित शिव मंदिर सभागार आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में प्रवीण शास्त्री ने कहा कि सत्संग से मनुष्य दुर्गुणों से दूर रहता है। कुसंगति मानव को बर्बादी की तरफ ले जाती है। भागवत से जीवन में बहुत प्रेरणा मिलती है। कृष्ण-सुदामा की मित्रता के चरित्र से लोगों को मित्रता सीखनी चाहिए। मित्र कितना भी गरीब हो, उसका सम्मान करना चाहिए। जब सुदामा, भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी आए तो दौड़ कर कृष्ण ने अपने मित्र को गले से लगा लिया। हाथों से सुदामा के पैरों के कांटे निकाले। रामचंद्र, यतींद्र जैन, संदीप तिवारी, दीपक गर्ग, रामकिशोर वर्मा, अनुज अग्रवाल, रचित अग्रवाल, गौरांग अग्रवाल, पुलकित आदि मौजूद रहे ।

भगवान के भक्तों पर भी आता है संकट

किशनी : भगवान अपने प्रिय भक्तों की परीक्षा भी ले लेते हैं। इसलिए सभी संकट के समय भक्त ²ढ़ इच्छा शक्ति को जागृत कर भगवान को याद करते रहें। ये बात गांव नगला धुरा रठेह में बालकृष्ण यादव के आवास पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक रामऔतार शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा भगवान किसी का अहित नहीं करते हैं। आज के समय में लोग धन कमाने के लिए बडे़ से बड़ा पाप आसानी से कर जाते हैं। इसके बाद वे थोड़ा सा दान पुण्य का दिखावा कर उन पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं लेकिन ये संभव नहीं है। हर व्यक्ति के अच्छे और बुरे दोनों कर्मों का फल अवश्य मिलता है। इसलिए हमें सत्कर्म का रास्ता अपनाते हुए हर चीज को हासिल करना चाहिए। इस अवसर पर मनोज यादव, शिवम, लकी, अश्वनी, तनू, दीक्षा, निशा, नीतू, विकास, गौरी यादव, शिवा, विकास, अवनीश, सौरभ, आकाश, शिवम मौजूद रहे।

कलश यात्रा के साथ जाहरवीर की कथा शुरू

कुसमरा : मुहल्ला यादव नगर में कलश यात्रा के साथ जाहरवीर बाबा की कथा का शुभारंभ हो गया। आचार्य रवीनाथ शास्त्री ने कहा कि पूजा पाठ से प्राणी की दिनचर्या नियमित होती है। साथ ही एकाग्रता बढ़ती है। उन्होंने पूजा का अर्थ बताते हुए कहा कि पवित्रता का जन्म ही पूजा है। पूजा यदि मन के पवित्र भाव से की जाए, तो प्राणी के सारे काम पूर्ण हो जाते हैं। हमारे धर्म में जिस देवी-देवता की हम पूजा करते हैं। वह देव हमारे मन और बुद्धि में सेतु का काम करता है। कलश यात्रा में रनवीर ¨सह, भानुप्रकाश ¨सह, रामराज ¨सह, जितेंद्र ¨सह, ब्रजेंद्र ¨सह, जयवीर ¨सह, राजेश यादव, अरवेश कुमार, रतीराम यादव, उपदेश यादव, गुरुमुख ¨सह, औसान ¨सह, नीटू यादव, अमन कुमार, मनीश प्रकाश ¨सह, इंद्रपाल ¨सह आदि उपस्थित थे।


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