लावारिस शव भी ले जाएगा शव वाहन
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : मौत के बाद शव ले जाने को परिजनों को भटकना न पडे़, इसके लिए श
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : मौत के बाद शव ले जाने को परिजनों को भटकना न पडे़, इसके लिए शासन ने अस्पताल प्रशासन को शव वाहन उपलब्ध कराया। लेकिन, नियम स्पष्ट न होने की वजह से इसके संचालन में दुविधा की स्थिति बनी रही। अब नियमों में संशोधन कर शासन ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। अस्पताल प्रशासन को भेजे पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि अस्पताल का शव वाहन अब लावारिस मिलने वाले शवों को भी घटनास्थल से लाकर शवगृह तक पहुंचाना होगा।
हाल ही में हथठेल पर शव ले जाए जाने का मामला सरकार तक पहुंचा तो मौजूदा व्यवस्थाओं की भी पड़ताल शुरू हुई। संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए अब शासन ने अस्पताल के शव वाहन के मानकों को निर्धारित कर दिया है। प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने अस्पताल प्रशासन को भेजे पत्र में कहा है कि शव वाहन और उसके संचालन एवं नियंत्रण वाली टीम की जानकारी को सार्वजनिक कराया जाए। यदि क्षेत्र में कहीं भी लावारिस शव बरामद होता है तो सूचना पर शव वाहन ही घटना स्थल से शव को शवगृह तक पहुंचाएगा।
इसके अलावा यदि रोगी की अस्पताल ले जाते समय मौत हो जाती है तो ऐसे मामलों में भी शव वाहन द्वारा ही उनके शव को गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा। इसकी पूरी जवाबदेही नोडल अधिकारी की होगी। नई गाइडलाइन में परिजनों के लिए भी बाध्यता कर दी गई है। शासनादेश में स्पष्ट कहा गया है कि उपचार के दौरान अस्पताल में यदि किसी की मौत होती है, और उनके परिजन शव वाहन लेना नहीं चाहते हैं तो उन्हें बाकायदा इस बात को लिखित में देना होगा। ताकि, अस्पताल प्रशासन पर कोई सवाल न उठें।
जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सागर का कहना है कि शासन की नई गाइडलाइन के बारे में नोडल अधिकारी और चालक को जानकारी दी गई है। इसके अलावा परिसर में विधिवत प्रचार प्रसार भी कराया जाएगा ताकि लोगों को भी इसकी जानकारी हो सके। - जिले में 102 एंबुलेंस सेवाओं की संख्या 27 है। गर्भवती महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने और सुरक्षित प्रसव के बाद उन्हें घर पहुंचाने की जिम्मेदारी इन एंबुलेंसों पर है।
- जिले में 108 एंबुलेंस सेवाओं की संख्या 16 है। कहीं भी आकस्मिक दुर्घटना के अलावा गंभीर स्थिति वाले मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए इनकी मदद ली जाती है।
- कुल 55 एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस भी जिले में उपलब्ध हैं। इनमें मिनी आइसीयू की व्यवस्था है। बेहद गंभीर हालत में मरीजों को आगरा और सैफई तक ले जाने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
- एक शव वाहन जिला चिकित्सालय में मौजूद है। इसकी मदद से अब तक उन शवों को ले जाया जाता था जिनकी उपचार के दौरान अस्पताल में मृत्यु होती थी। अब शासन ने इनके संचालन के नियमों में बदलाव किया है।