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वारयल बुखार का हमला, इंतजाम नाकाफी

मौसम की मार से जिले में वायरल बुखार का हमला तेज हो गया है। स्वास्थ्य महकमा कागजी घोडे़ दौड़ा रहा है लेकिन धरातल पर इंतजाम नाकाफी हैं। दो वर्षों से ऑटोएनालाइजर मशीन खराब पड़ी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 11:32 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 11:32 PM (IST)
वारयल बुखार का हमला, इंतजाम नाकाफी
वारयल बुखार का हमला, इंतजाम नाकाफी

जासं, मैनपुरी : मौसम की मार से जिले में वायरल बुखार का हमला तेज हो गया है। स्वास्थ्य महकमा कागजी घोडे़ दौड़ा रहा है लेकिन धरातल पर इंतजाम नाकाफी हैं। दो वर्षों से ऑटोएनालाइजर मशीनें खराब पड़ी हैं। मरीजों को अपनी रक्त की जांच कराने के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी पर महंगी फीस का भुगतान करना पड़ रहा है।

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जिला चिकित्सालय आने वाले मरीजों को चिकित्सक बीमारी के लक्षणों का पता लगाने के लिए रक्त जांच की सलाह दे रहे हैं। लेकिन, अस्पताल परिसर में जांच की व्यवस्था धड़ाम हैं। मरीजों की जेब पर भार न पडे़, इसके लिए शासन स्तर से दो ऑटोएनालाइजर मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। लेकिन, ये दो वर्षों से खराब पड़ी हैं।

पहले साल भर तक रीजेंट केमिकल न होने के कारण और अब तकनीकी खराबी की वजह से मशीनें बेकार पड़ी हुई हैं। स्थिति यह है कि मरीजों को अपनी सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) जांच के लिए प्राइवेट पैथोलॉजी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जिला चिकित्सालय में मरीजों की बढ़ती तादात के चलते बिस्तर भी कम पड़ने लगे हैं। एक-एक बिस्तर पर दो से तीन मरीजों को भर्ती कर उपचार देना पड़ रहा है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि दोनों मशीनों की मरम्मत के लिए संबंधित कंपनी को पत्र लिखा गया है।


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