नहीं टूटेगी परंपरा, होगा रामलीला का मंचन
मैनपुरी जासं कोरोना संक्रमण की वजह से प्राचीन परंपरा नहीं टूटेगी।
मैनपुरी, जासं: कोरोना संक्रमण की वजह से प्राचीन परंपरा नहीं टूटेगी। एक शताब्दी से ज्यादा पुरानी रामलीला का आयोजन होगा। समूचे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन पर कोरोना की गाइडलाइन प्रभावी रहेगी।
शहर में हर साल रामलीला का आयोजन होता है। इस बार भी होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से यह सांस्कृतिक कार्यक्रम पर संकट के बादल छाए थे। अब सरकार द्वारा कुछ राहत दिए जाने के बाद श्री रामलीला कमेटी, जनकपुरी आयोजन समिति और अवधपुरी स्वागत समिति के बीच इसे लेकर मंथन- चितन हुआ। एक शताब्दी से ज्यादा पुरानी परंपरा का निर्वहन करने की रणनीति बनी। बीते रोज हुई बैठक में कुछ समिति सदस्यों में कोरोना को लेकर कुछ मतभेद भी सामने आए। अंतत: प्रभु श्री राम की रामलीला का मंचन करने का फैसला हुआ। 13 से शुरू होगा आयोजन
शहर में श्री रामलीला का कार्यक्रम 13 अक्टूबर, मंगलवार से श्री गणेश, पृथ्वी और मुकुट पूजन के साथ शुरू होगा। 15 को श्री महादेव की बरात रामलीला मैदान में ही निकलेगी। समिति ने रामलीला मंचन से जुड़े सभी कार्यक्रमों को अंतिम रूप देकर कलेंडर भी जारी कर दिया है। श्री रामलीला कमेटी जुटी तैयारियों में
रामलीला मंचन के लिए श्री रामलीला कमेटी तैयारियों में जुट गई है। रामलीला मंचन की पूरी रूपरेखा तैयार हो गई है। कलाकारों को लेकर भी सहमति बन गई है। स्वरूपों की अगवानी का दायित्व, राम बरात का स्वरूप भी तय कर लिया गया है। मंच पर एक से दो घंटे का मंचन होगा। सभी का रहेगा सहयोग-
श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष महेश चंद अग्निहोत्री ने बताया कि एतिहासिक रामलीला को कराने में सभी पदाधिकारियों का सहयोग रहेगा। जिम्मेदारियों के लिए कमेटी बनाई हैं। इंतजाम भी पूरे हो गए हैं। मंत्री रमेश चंद्र सर्राफ और कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र बंसल ने बताया कि रामलीला आयोजन से जुड़ी तैयारियां कर ली गई हैं। रविवार को हुई वार्ता के दौरान वीर सिंह भदौरिया, अशोक कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।