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करीमगंज में सुधरने लगे हालात, दोबारा शुरू कराई स्क्रीनिग

मैनपुरी जासं करीमगंज में बुखार से बिगड़े हालात सुधरने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 05:23 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 05:23 AM (IST)
करीमगंज में सुधरने लगे हालात, दोबारा शुरू कराई स्क्रीनिग
करीमगंज में सुधरने लगे हालात, दोबारा शुरू कराई स्क्रीनिग

मैनपुरी, जासं: करीमगंज में बुखार से बिगड़े हालात सुधरने लगे हैं। अस्थाई स्वास्थ्य कैंप में मात्र तीन मरीजों ने ही सोमवार को पंजीकरण कराया। मरीजों की संख्या भी लगातार कम हो रही है।

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बिछवां थाना क्षेत्र के गांव करीमगंज में बुखार से स्थितियां बदतर हो गई थीं। 19 लोगों की मौत के बाद शासन ने भी संज्ञान लिया। गांव में शासन से आई टीम ने सर्वे कर प्रशासन के सहयोग से व्यवस्थाएं कराईं। गांव के स्कूल में ही अस्थाई स्वास्थ्य कैंप लगाकर अस्पताल बना दिया गया। बेहतर प्रयासों की वजह से राहत महसूस की जा रही है।

सोमवार को कैंप में सिर्फ तीन मरीजों ने ही उपचार कराया। मरीजों की कैंप में संख्या घटी तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अब गांव में जाकर सर्वे शुरू कराने की तैयारी की है। घर-घर जाकर मरीजों की स्क्रीनिग कराई जाएगी। बीमार मिलने वालों को घर पर ही दवा और उचित उपचार दिया जाएगा।

तालाबों में डलवाई मिट्टी

गांव में गंदगी और तालाबों को लेकर विरोध था। बीमारी को देख ग्राम प्रधान प्रीती यादव ने तालाबों की मरम्मत शुरू करा दी है। सोमवार को तालाबों के किनारे मिट्टी डलवाने के साथ गांव में जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों को हटवाया गया। गलियों में भी एंटी लार्वा और टेमीफोस का छिड़काव कराया गया है।

नहीं लौटे मरीज, घरों में लटके ताले

बुखार के प्रकोप की वजह से गैर जिलों में भर्ती ग्रामीण अभी तक नहीं लौटे हैं। दर्जनभर के घरों में ताले लटक रहे हैं। स्थितियां काबू में हैं। मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है। अब घर-घर जाकर जांच और स्क्रीनिग कराई जाएगी। दिन-रात चिकित्सकों की टीमें वहां तैनात है।

डॉ. एके पांडेय, सीएमओ।

शहर में बुखार से दो की मौत, कई बीमार

तमाम कोशिशों के बावजूद बुखार के मामले कम नहीं हो रहे हैं। इलाज के दौरान दो मरीजों की मौत हो गई, जबकि कई मरीजों को सैफई के लिए रेफर कर दिया गया। ज्यादातर को स्वजन प्राइवेट अस्पतालों में ले गए।

शहर में भी बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सोमवार को जिला अस्पताल खुला तो ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई। ओपीडी और इमरजेंसी में सबसे ज्यादा मरीज बुखार के पहुंच रहे थे। हालत ज्यादा खराब होने पर कई को प्राथमिक उपचार के बाद सैफई के लिए रेफर कर दिया गया। कुछ को सामान्य उपचार देकर घर भेज दिया गया।

शहर के मुहल्ला छपट्टी निवासी राजेश (54) को बुखार से हालत बिगड़ने पर स्वजन 26 सितंबर को इमरजेंसी लेकर पहुंचे थे। थोड़ी राहत मिलने पर डॉक्टरों ने उन्हें इनडोर में शिफ्ट करा दिया था। सोमवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहर की आवास विकास कॉलोनी निवासी संदीप (27) पुत्र अमन को बुखार से पीड़ित होने पर स्वजन इमरजेंसी लेकर पहुंचे। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

नहीं हैं अलग से कोई इंतजाम

बुखार के मरीजों को भर्ती करने के लिए जिला अस्पताल में अभी तक कोई अतिरिक्त इंतजाम नहीं कराए गए हैं। मरीजों को इमरजेंसी के सामान्य वार्ड में ही भर्ती किया जा रहा है।

अस्पताल में पर्याप्त दवाएं मौजूद हैं। गंभीर हालत वाले मरीजों को ही सैफई के लिए रेफर किया जाता है। यहां अलग वार्ड भी बनाया जा रहा है।

डॉ. आरके सागर, सीएमएस

जिला अस्पताल।


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