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शहर की सड़कों पर अंधेरगर्दी की 'इंटरलॉकिंग'

मैनपुरी : शुक्रवार को शहर के यदुवंश नगर में सीसी रोड धंसने से ट्रैक्टर चालक की मौत को भी पालिका ने बेहद हल्केपन से लेकर खामोश हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Jul 2018 08:48 PM (IST)Updated: Sun, 01 Jul 2018 08:48 PM (IST)
शहर की सड़कों पर अंधेरगर्दी की 'इंटरलॉकिंग'
शहर की सड़कों पर अंधेरगर्दी की 'इंटरलॉकिंग'

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : शुक्रवार को शहर के यदुवंश नगर में सीसी रोड धंसने से ट्रैक्टर चालक की मौत को भी पालिका ने बेहद हल्केपन से लेकर खामोश हो गई। हो भी क्यों ना, शहर की सड़कों पर अंधेरगर्दी की इंटरलॉकिंग में पालिका की भी पूरी मिलीभगत है। इंटरलॉकिंग बिछाने में ठेकेदार की मनमानी को खुली शह देने का ही नतीजा है कि शहर में जगह-जगह इंटरलॉकिंग या तो धंस गई है या उखड़ गई। क्षेत्रीय लोगों के लिए ये सड़कें सहूलियत के बजाए खतरा बन गई हैं।

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नगर पालिका का वार्ड नंबर 15, मुहल्ला गाड़ीवान में ही देखें। बदहाल इंटरलॉ¨कग और सीसी रोड़ जिम्मेदारों की मनमानी की पोल खोल रही हैं। अभी ज्यादा समय भी नहीं बीता है लेकिन इंटरलॉ¨कग से बनवाई गई सड़क ध्वस्त हो चुकी है। घटिया मसाले से कराया गया नालों और नालियों का निर्माण पानी में बह रहा है। स्थिति ऐसी है कि इमरजेंसी में चार पहिया वाहन का निकलना भी मुश्किल है। सभासद शिवानी गुप्ता ने बदहाली का जायजा भी न लिया।

इसी तरह, नगर पालिका का वार्ड नंबर चार, मुहल्ला अग्रवाल भी बदहाली की मार झेल रहा है। पिछले कार्यकाल में बनवाई गईं सीसी सड़क जगह-जगह से धंस रही हैं। मनमाने ढंग से यहां भी काम कराया गया। सीवर की खोदाई के बाद आधी-अधूरी सड़क बनवाई गई। मिट्टी की कुटाई कराए बगैर सीसी बिछा दी गई। जो मिट्टी धंसने की वजह से जगह-जगह से धंसती जा रही है। यहां भी सभासद तेज प्रताप ¨सह द्वारा विकास कार्यों की अनदेखी की गई है।

यही स्थिति नगर पालिका वार्ड नंबर 27 रघुराजपुरी की है। यहां इंटरलॉ¨कग की आड़ में बड़ा खेल किया गया। गलियों में मिट्टी की बिना कुटाई कराए ही ईंटें बिछा दी गईं। अब मिट्टी धंसने के कारण इंटरलॉ¨कग ध्वस्त हो गई है। ईंटों को रोकने के लिए बनवाई गई दीवार भी जगह-जगह से दरक गई है। इसकी वजह से नाले भी संकट में आ गए हैं।

पांच साल तक की है गारंटी

गली-मुहल्लों में जो भी सड़कें ठेकेदारों द्वारा बनवाई गई हैं, उनकी देखरेख और मरम्मत की पांच साल तक की गारंटी है। नियम है कि जो भी सड़क बनवाई जाएगी, उस पर संबंधित ठेकेदार का नाम भी लिखवाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिम्मेदारों की सांठ-गांठ के चलते अधूरे निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं। बोले लोग

कल की ही बात है, जर्जर सड़क के धंसकने से एक चालक की मौत हो गई। पूरे शहर में ऐसी दर्जनों सड़कें हैं जो हादसों को आमंत्रण दे रही हैं। जिम्मेदार सभासदों द्वारा कभी भी निरीक्षण नहीं किया गया।

विजेंद्र ¨सह, करहल रोड। जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। यदि ठेकेदार द्वारा बनवाई गई सड़क खराब होती है तो ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ उनसे ही दोबारा उसकी मरम्मत कराई जानी चाहिए। लेकिन, यहां तो राग ही दूसरा है।

सोनू राठौर, मुहल्ला अग्रवाल। सड़क का निर्माण हो या फिर नाला का, नगर पालिका के अभियंताओं द्वारा कभी भी निरीक्षण नहीं किया जाता। सारा काम ठेकेदार ही करा लेता है। बस, फाइल पहुंचती है और आपसी तालमेल में हस्ताक्षर भी हो जाते हैं।

उमाशंकर, करहल रोड। सड़कों के निर्माण और मरम्मत के नाम पर हर साल बड़ा खेल किया जाता है। यदि ऐसा ही रहा तो इस बार बारिश में हालात बदतर हो जाएंगे। लोग आवागमन को भी तरसेंगे।

संदीप, मुहल्ला गाड़ीवान। अधिकारी कहिन

जिन वार्डों में इंटरलॉ¨कग अथवा सीसी सड़कें खराब पड़ी हैं, उनका सर्वे कराया जाएगा। पालिका के अधिकारियों की मौजूदगी में उनकी मरम्मत कराई जाएगी। इतना ही नहीं, जिनके प्लॉट खाली पडे़ हैं, उन्हें भी नोटिस दिए जाएंगे। इन खाली प्लॉटों की वजह से भी निर्माण कार्य को नुकसान पहुंचता है।

मनोरमा देवी, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, मैनपुरी।


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