यहां भी खामोश मौत बनी खड़ी हैं 13 जर्जर इमारतें
मैनपुरी में पालिका प्रशासन की अनदेखी के कारण कभी भी नोएडा जैसा हादसा हो सकता है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : नोएडा में मंगलवार की रात हुए हादसे ने शहर में ऐसे जर्जर स्थलों से फिर दहशत फैला दी है। अकेले शहर में ही 13 जर्जर निर्माण कार्य खामोश मौत बनकर खडे़ हुए हैं। नगर पालिका प्रशासन इन्हें खतरनाक घोषित कर लोगों को नोटिस भी जारी कर चुका है। सिर्फ नोटिस जारी करने वाला पालिका प्रशासन अब तक खतरनाक निर्माण कार्यों को न तो ध्वस्त करा पाया है और न ही उनकी मरम्मत कराने के लिए कोई योजना तैयार हुई है।
मंडी धर्मदास मार्ग
सीओ सिटी कार्यालय के सामने मंडी धर्मदास की मुख्य सड़क पर वर्षों पुराना गेट बना हुआ है। ककइया ईंटों से बना ये गेट पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार ईंटें गिर रही हैं। पालिका प्रशासन खतरनाक निर्माण कार्यों में इसे शामिल तो कर चुका है, लेकिन न मरम्मत की जरूरत समझी और न ही ध्वस्त करने की।
लेनगंज मार्ग
लेनगंज में सब्जी बाजार के लिए जाने वाला प्रवेश द्वार भी हादसे को आमंत्रण दे रहा है। वर्षों पुराने इस निर्माण कार्य की भी देखरेख न हुई। कभी ईंटें गिरती हैं तो कभी सीमेंट के टुकडे़। ग्राहकों से लेकर दुकानदार, हर कोई खतरे के साए में बैठने को मजबूर हैं। बजाजा बाजार
शहर के बजाजा बाजार में तो कई जर्जर इमारतें हैं लेकिन चौराहा पर अधूरी खड़ी एक इमारत खामोश मौत बनकर खड़ी है। आधी-अधूरी दीवारों से अक्सर ईंटों के टुकडे़ नीचे गिरते रहते हैं। दो वर्ष पूर्व आए भूकंप के झटकों में यह इमारत भी डोल गई थी। यहां भी हर वक्त दुकानदार खतरे में रहकर अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं। बोले लोग
'शहर में कई पुरानी इमारतें हैं जो जर्जर हो रही हैं। असल में ये पुरानी धरोहरें हैं। प्रशासन को चाहिए कि स्वयंसेवी संगठनों की मदद से इनकी मरम्मत कराई जाए ताकि धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके।'
घनश्यामदास गुप्ता, कचहरी रोड। 'प्रशासन को सख्त होना होगा। भीड़ भरे बाजारों अथवा आबादी क्षेत्र में जो भी जर्जर निर्माण हैं, उन्हें ध्वस्त कराया जाए। यदि अब भी न चेते तो ऐसा न हो कि बड़ा हादसा मैनपुरी को भी दर्द दे जाए।'
डॉ. राकेश गुप्ता, आगरा रोड। 'हादसे अनदेखी की वजह से ही होते हैं। मंडी धर्मदास के अलावा दूसरे प्रवेश द्वार दुरुस्त हो सकते हैं। अगर, प्रशासन चाहे तो इनकी मरम्मत करा इन्हें नया रूप दिया जा सकता है। बेहतर है इस पर विचार हो।'सरदार अर¨वद ¨सह लाट, भांवत चौराहा। 'नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे सभी जर्जर निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करे। नोटिस देकर अल्टीमेटम दिया जाए। यदि फिर भी बात न बने तो ध्वस्तीकरण कराया जाए ताकि हादसा न हो।'
बीके शर्मा, भोगांव रोड। 'कुछ पुराने निर्माण कार्यों को चिन्हित कराया गया था। इस वर्ष तो चिन्हित नहीं हुए हैं। अब पालिका प्रशासन को इस पर निर्णय लेना है कि क्या कार्रवाई कराई जाए। पूर्व में नोटिस जारी किए जा चुके हैं। बोर्ड का फैसला होगा कि कैसे कार्रवाई हो। '
रामअचल, प्रभारी अधिशासी अधिकारीनगर पालिका परिषद, मैनपुरी। 'शहर के दर्जन भर निर्माण ऐसे चिन्हित किए गए थे जो खतरनाक हैं। इनकी मरम्मत और ध्वस्तीकरण को लेकर कई बार बैठकें भी हुई थीं लेकिन कभी एकराय नहीं बन पाई। कुछ निर्माण लोगों की भावनाओं से भी जुडे़ हुए हैं। हां, जरूरी है कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इन पर कड़ा फैसला लिया जाए।'
साधना गुप्ता, पूर्व चेयरमैन
नगर पालिका परिषद, मैनपुरी।