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रोजी-रोटी को टूटा संयम, पलायन से हारी समझदारी

मैनपुरी जासं। रोजी-रोटी की जंग में बीमारी की चेतावनी भी बेअसर साबित हो रही है। इंतजाम नाकाफी हैं। यही वजह है कि गैर जिलों से पलायन का सिलसिला जारी है। दिल्ली गुड़गांव से दर्जनों लोग सोमवार को भी कई किमी का सफर तय करके पैदल ही मैनपुरी पहुंच गए। यहां से उन्हें वाहनों की मदद से उनके क्षेत्रों तक भिजवाया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 06:05 AM (IST)
रोजी-रोटी को टूटा संयम, पलायन से हारी समझदारी
रोजी-रोटी को टूटा संयम, पलायन से हारी समझदारी

जासं, मैनपुरी : भय और भूख की जंग में बीमारी की चेतावनी भी बेअसर साबित हो रही है। इंतजाम नाकाफी है। यही वजह है कि गैर जिलों से पलायन का सिलसिला जारी है। दिल्ली, गुड़गांव से दर्जनों लोग सोमवार को भी कई किमी का सफर तय करके पैदल ही मैनपुरी पहुंच गए। यहां से उन्हें वाहनों की मदद से उनके क्षेत्रों तक भिजवाया गया। वहीं सोमवार को जीटी रोड पर बिहार और पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में जाने वालों की भीड़ अपेक्षाकृत कम रही। सरकार के आदेश के बाद पुलिस की सख्ती के चलते आवागमन करने वालों के कदम रूक गए। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम से आने वाले लोगों को बसें बंद होने के बाद प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। हालांकि दोपहर बाद तक सड़कों पर ऐसा नजारा दिखना बंद हो गया।

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कोरोना से बचाव का सिर्फ एक ही रास्ता है कि जहां हो वहीं बने रहो। लेकिन, इस चेतावनी पर भूख भारी पड़ने लगी है। दूसरे जिलों में रहकर मजदूरी करने वालों के सामने पलायन के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। गुरसहायगंज निवासी अब्दुल वहीद अलीगढ़ में मजदूरी करते थे। लॉक डाउन की वजह से कारोबार बंद हुआ तो मजदूरी भी छूट गई। चार दिनों से जो था, वही खाकर गुजर कर रहे थे। निवाले खत्म हुए तो जिदगी की तलाश में निकल पडे़। रविवार की रात लगभग 11 बजे वे परिवार की तीन महिलाओं और एक चार साल की मासूम को लेकर पैदल ही गुरसहायगंज को चल पडे़।

सोमवार की दोपहर लगभग एक बजे शहर के कुरावली तिराहा पर पहुंचे तो पैरों के छालों ने दर्द का अहसास करा दिया। उनका कहना है कि दो दिन से कुछ खाया नहीं। बेटी सायना दूध पर निर्भर है, लेकिन वह भी नहीं मिल रहा है। ऐसे भूखे मरने से अच्छा है कि जिदा रहने की कोशिश कर ली जाए। सिर्फ वही नहीं, लगभग दो दर्जन लोग दिल्ली, गुड़गांव और हरियाणा से पैदल चलकर घरों को निकले थे। जिन्हें मैनपुरी पुलिस ने वाहनों की मदद से उनके क्षेत्रों के लिए रवाना कर दिया।

वहीं, जीटी रोड पर कई प्राइवेट वाहनों, गैस टैंकरों पर मजबूरन छतों पर बैठकर लोगों को यात्रा करनी पड़ी। भूख, प्यास से तड़प रहे इन राहगीरों को बस स्टैंड चौराहा पर इंस्पेक्टर पहुप सिंह, एसएसआइ सुरेश चंद्र शर्मा ने भोजन के पैकेट वितरित किए। पुलिस ने समूह बनाकर चलने वाले इन लोगों को आवागमन न करने की हिदायत दी। सीओ प्रयांक जैन ने बताया कि सीमाएं सील कर बाहर से आने वालों की निगरानी की जा रही है।

घरों में ही आइसोलेट हुए बाहर से लौटने वाले, हो रही जांच

जासं, मैनपुरी : बाहर से लौटने वालों की पूरी सूची तैयार करने की कसरत के साथ उनकी स्वास्थ्य जांच करने का सिलसिला सोमवार को देर शाम तक चलता रहा। सभी को घरों में ही आइसोलेट रहने की सलाह दी गई है। वहीं, ग्राम प्रधान और संबंधित जिम्मेदारों को इसकी निगरानी के लिए भी कहा गया है।

भोगांव क्षेत्र में महानगरों से विभिन्न गांव में आए लोगों का नगर के छोटा बाजार में स्थित अर्बन हेल्थ सेंटर पर चैकअप कराया। सोमवार को हेल्थ सेंटर पर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए 250 पुरुष, महिलाएं व बच्चे पहुंचे। विभाग के मुताबिक किसी को भी कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। जांच कराने आए लोगों को 14 दिन आइसोलेट रहने की सलाह दी गई।

ब्लॉक जागीर क्षेत्र में लगभग प्रत्येक ग्राम में ही बाहर से लोग लौटे हैं। कुछ दिनों पूर्व में आए कुछ लोगों की डॉक्टरों की टीम ने जांच की है। बीडीओ जागीर विमला देवी ने बताया कि आज ही आदेश प्राप्त हुआ है अब आंगनबाड़ी केंद्रों और प्राथमिक विद्यालयों व पंचायत घरों में रोकने की व्यवस्था कराई जाएगी।

कुरावली में सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों की टीम द्वारा नगर व क्षेत्र में बाहरी शहरों से आए 200 लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया और लोगों को सेल्फ आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष सिंह चौहान के निर्देशन में फार्मासिस्ट रविद्र सिंह, दिलीप कुमार, सुखदेव, सुमित गुप्ता ने क्षेत्र के ग्राम सोनई, मनोना, उद्देतपुर परम कुटी, नगला मोहन मैं पहुंचकर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुड़गांव, नोएडा से आए परीक्षण किया। करहल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पर्यवेक्षक सचिन यादव व अधीक्षक डॉ. शंभू सिंह ने बताया है कि अभी तक दिल्ली अथवा अन्य जगहों से आने वाले लोगों में 140 का परीक्षण कर उनको 14 दिन तक घर पर रहने की हिदायत दी जा चुकी है। इनमें मुख्य रूप से करहल ब्लाक के गांव कमलपुर, नाकऊ, कंचनुपर आदि हैं। सोमवार को शासन स्तर से ऐसे लोगों को अलग रखने का आदेश आया है। इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।

किशनी क्षेत्र में बाहर नौकरी कर रहे लोगों की आमद लगातार हो रही है इसके चलते ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र पर लगातार अपनी जांच करा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम और एसडीएम रामसकल मौर्या गांव-गांव जाकर लोगों का प्राथमिक परीक्षण कर उन्हें आवश्यक निर्देश कर रही है सीएससी के प्रभारी चिकित्सक डॉ प्रदीप ने बताया कि अब तक आठ सैकड़ा से अधिक जुकाम से पीड़ित लोगों की प्राथमिक जांच कर चुके हैं। ऐसे लोग जो गैर जिलों या प्रांतों में रहकर नौकरी करते थे, वे अपनी जानकारी खुद ही दें। स्थानीय लोग और ग्राम प्रधानों के माध्यम से भी सूची मांगी जा रही है। सभी की जांच कराई जाएगी। सभी को सेल्फ क्वारनटाइन होने की सलाह दी गई है। अब जो भी लोग आ रहे हैं, उन्हें बिना जांच के गांव जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर सख्त कार्रवाई होगी।

महेंद्र बहादुर सिंह, डीएम।


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