स्कूलों में पढ़ाई ठप, एआरटीओ में काम
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जिले में अब जोर पकड़ने लगा है। तीन दिवसीय कलमबंद हड़ताल में पहले दिन अकेले शिक्षकों ने ही शिक्षण कार्य नहीं किया था। लेकिन गुरुवार को इस हड़ताल में एआरटीओ कार्यालय व पूर्ति विभाग ने भी पूरा सहयोग किया। उन्होंने पूरे दिन कार्यालय में काम बंद रखा। जिसके चलते पूरे दिन फरियादी यहां से वहां भटकते रहे।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शुरू हुआ आंदोलन जिले में अब जोर पकड़ने लगा है। तीन दिवसीय कलमबंद हड़ताल के दूसरे दिन गुरुवार को एआरटीओ कार्यालय और पूर्ति विभाग भी शामिल हो गया। इन विभागों में हड़ताल के कारण फरियादी इधर-उधर भटकते रहे।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए तीन दिवसीय कलमबंद हड़ताल बुधवार से शुरू की थी। इसमें उन्होंने सभी शिक्षक और अन्य सरकारी कर्मचारियों से संघर्ष में शामिल होने की अपील की थी। लेकिन पहले दिन ये हड़ताल हल्की रही। केवल शिक्षकों ने स्कूलों में शिक्षण कार्य न करते हुए 12 बजे के बाद तहसीलों में प्रदर्शन किया था। गुरुवार इस हड़ताल का व्यापक असर हुआ। शिक्षकों के साथ-साथ एआरटीओ और जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल हुए। पूरे दिन न तो एआरटीओ कार्यालय में कोई काम हुआ और न ही डीएसओ कार्यालय में, जिससे पूरे दिन यहां आने वाले लोग भटकते रहे। ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने के लिए आने वाले लोग दिन भर कार्यालय में ही चक्कर लगाते रहे। वाहन की फिटनेस आज ही होनी थी
गांव जसवंतपुर से वाहन की फिटनेस कराने आए राहुल ने बताया कि उसके वाहन की आज फिटनेस होनी थी। कल उसे किसी जरूरी काम से जिले से बाहर जाना है। कर्मचारियों द्वारा कोई काम न किए जाने के चलते अब उसे प्रतिदिन 50 रुपये का जुर्माना देना होगा। यही हाल पूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड संबंधी कार्य के लिए आए लोगों का रहा, उन्हें भी बिना काम के ही लौटना पड़ा। शिक्षकों ने 12 बजे स्कूल बंद करने के बाद बीएसए कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। इसमें कार्यालय के कर्मचारियों ने भी उनका सहयोग किया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रणवीर ¨सह यादव ने सभी लोगों से एकजुट होकर इस लड़ाई में शामिल होने की अपील की। इस दौरान राजेश पांडेय, सुखेंद्र ¨सह यादव, रामपाल ¨सह, कुशल पाल, संजीव दीक्षित, राहुल, रवि प्रताप, जितिश गौरव, रणधीर ¨सह, अनुभव ¨सह, सीके सक्सेना, मोहित दुबे, राकेश कुमार आदि उपस्थित रहे। अन्य विभागों में चला काम
एआरटीओ और डीएसओ कार्यालय के अलावा कहीं काम प्रभावित नहीं हुआ। कर्मचारी आंदोलन में शामिल होने की बात तो कहते रहे, परंतु इसके साथ काम भी करते रहे।