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सेफ्टिक टैंक में छिपा था शराब का जखीरा

अवैध शराब के खिलाफ चल रहे पुलिस के अभियान में लगातार कामयाबी मिल रही है। बुधवार रात पुलिस ने गांव जगतपुर के पास से भारी मात्रा में तस्करी की शराब बरामद की। शराब को सैप्टिक टैंक में छिपाया गया था। कोई तस्कर पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। घटना स्थल के पास स्थित गृहस्वामी को तलाश किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 11:18 PM (IST)
सेफ्टिक टैंक में छिपा था शराब का जखीरा
सेफ्टिक टैंक में छिपा था शराब का जखीरा

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : पुलिस ने जगतपुर के जंगल में एक मकान के सेफ्टिक टैंक में शराब का जखीरा बरामद कर लिया। मकान में कोई नहीं मिला। उधर, बुधवार को पकड़े गए सात धंधेखोरों को जेल भेज दिया गया। इनके खिलाफ गेंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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बुधवार रात इंस्पेक्टर कोतवाली जसवीर ¨सह सिरोही ने जगतपुर के पास एक मकान में दबिश दी। मकान पर कोई नहीं मिला, मगर मकान के पास बने सेफ्टिक टैंक पर रखा पत्थर हटाकर देखा तो टैंक में शराब की पेटियां दिखाई दी। पुलिस ने यहां से 500 पेटी शराब बरामद की। पकड़ी गई शराब रेस ब्रांड की है। जिसे हरियाणा से तस्करी कर लाया गया है।

गुरुवार शाम तक पुलिस मकान के स्वामी का पता लगाने का प्रयास कर रही थी। इंस्पेक्टर कोतवाली जसवीर ¨सह सिरोही ने बताया कि शराब तस्करों के बारे में जानकारी मिली है, जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा।

जब्त होगी शराब धंधेखोरों की संपत्ति

पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय ने बताया कि बुधवार को रेक्टीफाइड स्प्रिट के साथ पकड़े गए शराब धंधेखोरों के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। धंधेखोरों की प्रॉपर्टी को जब्त किया जाएगा। उनके कब्जे से बरामद वाहनों को भी जब्त किया जाएगा। कोतवाली पुलिस व सर्विलांस टीम ने बुधवार को सुबह मुठभेड़ के बाद धंधेखोरों को 80 ड्रम रेक्टीफाइड स्प्रिट के साथ पकड़ा था। उनके तीन साथी फरार हो गए थे। पकड़े गए आरोपितों को पुलिस ने गुरुवार को जेल भेज दिया। जान भी ले सकती है रेक्टिफाइड स्प्रिट से बनी शराब

मैनपुरी : जिला अस्पताल के वरिष्ठ पराशर्मदाता डॉ. आरके ¨सह का कहना है कि शराब कैसी भी हो, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। स्प्रिट से तैयार की जाने वाली शराब में कई प्रकार के रासायनिक तत्व मिले होते हैं। बेहद तीक्ष्ण होने के कारण यह हमारी श्वांस नली को सबसे पहले प्रभावित करती है। लंबे समय तक इसका सेवन करने वालों को गले की आवाज भी खोनी पड़ सकती है। कई बार विषाक्तता इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि आंखों की रोशनी तक चली जाती है। केमिकल युक्त शराब किडनी और गुर्दों को पूरी तरह से खराब कर देती है। इसका सेवन करने वालों में ऑक्सीजन संवहन क्षमता भी धीरे-धीरे कम होने लगती है। कई बार स्थितियां जानलेवा भी साबित होती हैं।


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