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कॉन्वेंट में एडमीशन को मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरीु़

वीरभान ¨सह, मैनपुरी:: अपने बच्चे का सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूल में एडमीशन की सोच रहे हैं, तो

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 02:36 PM (IST)
कॉन्वेंट में एडमीशन को मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरीु़
कॉन्वेंट में एडमीशन को मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरीु़

वीरभान ¨सह, मैनपुरी:: अपने बच्चे का सीबीएसई से सम्बद्ध स्कूल में एडमीशन की सोच रहे हैं, तो बच्चे का मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनवा लेना। घातक बीमारियों से बचाव को होने वाले संपूर्ण टीकाकरण का सबूत इस सर्टिफिकेट में दर्ज होना जरूरी होगा। इसके बाद ही एडमीशन की अगली प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।

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कॉन्वेंट एजूकेशन अब समाज में एक स्टेटस बन चुकी है। इंग्लिश मीडियम स्कूल में बच्चे के एडमीशन के लिए लोग पूरी ताकत झोंक देते हैं। हर संभव सिफारिश लगाते हैं। एडमीशन होना किसी जंग में जीत से कम नहीं होता। सीबीएसई ने कम से कम अपने विद्यालयों के लिए तो नियमों में सख्ती कर ही दी है। अब यहां प्रवेश प्रक्रिया के लिए किसी की भी सिफारिश काम नहीं आएगी। बोर्ड की नई व्यवस्था के तहत लाड़ले को प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश दिलाने से पहले उसका टीकाकरण कार्ड दिखाना होगा। यदि बच्चे को सभी जीवनरक्षक टीके लग चुके हैं, तो प्रवेश की पहली प्रक्रिया स्वयं ही पूर्ण हो जाएगी। इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराना होगा। इसमें बच्चों की आंखों की जांच, रक्त परीक्षण, लंबाई और उम्र के अनुसार वजन के अलावा सुगर की भी जांच कराना अनिवार्य होगा। सभी जांचों के साथ चिकित्सकों की रिपोर्ट भी साथ लानी होगी। स्वास्थ्य संबंधी सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने वाले बच्चों को ही प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा।

बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एके जैन का कहना है कि बोर्ड का यह प्रयास बेहद सराहनीय है। कई अभिभावक ऐसे हैं जो बच्चों के टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं होते हैं। इतना ही नहीं, बच्चा बीमारियों से ग्रस्त होता है लेकिन जांच के अभाव में उसकी बीमारियों का पता नहीं चलता। जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती जाती है, बीमारी का दायरा भी बढ़ने लगता है। एक स्थिति ऐसी आती है जब बच्चा बीमारी की पूरी तरह से चपेट में आ जाता है और इसका असर उनकी स्मरण शक्ति पर भी पड़ता है। इस व्यवस्था से बच्चों की बीमारी का बचपन में ही पता चल जाएगा और समय रहते उनका बेहतर ढंग से उपचार किया जा सकेगा।

अधिकारी कहिन

नए सत्र से सीबीएसई के नए दिशा-निर्देश लागू हो जाएंगे। इससे बड़ा सुधार तो होगा ही, साथ ही बच्चों की सेहत पर भी ध्यान दिया जा सकेगा।

डॉ. राममोहन, सिटी को-आर्डिनेटर सीबीएसई।


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