भाड़े में जोड़ ली डीजल की रोज-रोज बढ़ी कीमत
मैनपुरी: पेट्रो पदार्थों में लगी महंगाई की आग अब लोगों की जेब को भी झुलसा रही है। वस्तुओं की कीमतों में इजाफा होना शुरू हो गया है। जिले में जनवरी में पेट्रोल 72.21 रुपये प्रति लीटर और डीजल 60.64 रुपये प्रति लीटर था। सोमवार को ये दरें बढ़कर 79.52 रुपये और 71.44 रुपये पहुंच गईं। यानि डीजल पर 10.
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: सरकार ने पिछले डेढ़ साल से चुपके-चुपके पेट्रोल-डीजल में भले ही कीमतें बढ़ाई हैं, मगर रोज-रोज की ये बढ़ोतरी ट्रांसपोर्टरों के लिए नुकसान का कारण बन गई है। इस भरपाई के लिए पिछले महीनों से पेट्रो पदार्थो की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का आकलन कर पांच से दस फीसद तक मालभाड़ा बढ़ा दिया है।
डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम योजना के तहत सरकार ने पेट्रोल-डीजल में करीब डेढ़ साल से हर रोज दाम निर्धारित करना शुरू कर दिया है। रोजाना इनकी कीमत में भले ही चंद पैसे बढ़े हों, मगर जनवरी से लेकर अब तक पेट्रोल में 7.31 रुपये और डीजल 10.80 रुपये महंगा हो गया है। पब्लिक कैरियर एसोसिएशन मैनपुरी के अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुप्ता बताते हैं कि डीजल की मार सबसे ज्यादा है। इस साल शुरू में किसी ने किराए की दरें नहीं बढ़ाई थीं। अब डीजल की कीमतें और किराए में इतना अधिक अंतर है कि ट्रांसपोर्टरों को नुकसान हो रहा है। इसलिए किराए में पांच से दस फीसद की बढोतरी कर रहे हैं। कुछ ट्रांसपोर्टर मालभाड़ा को नए सिरे से लागू करने पर मंथन कर रहे हैं। ट्रांसपोर्टर लक्की जादौन कहते हैं कि शहर में परचूनी का सामान कानपुर से आता है। इसी तरह से आटा, चावल, आलू, मूंगफली दूसरे शहरों में भेजा जाता है। भाड़ा बढ़ेगा तो इसका भार ग्राहकों की जेब पर ही पड़ेगा। लेनगंज में परचून के व्यापारी भगवान दास गुप्ता बताते हैं कि कीमतें बढ़ रही हैं। इसका एक मुख्य कारण मालभाड़े में बढ़ोतरी भी है।
ऐसे आया कीमतों में उछाल
तारीख, डीजल के दाम, पेट्रोल के दाम
एक जनवरी, 60.64 रु., 72.21 रु.
एक मई, 65.98 रु., 75.80 रु.
एक जुलाई, 67.50 रु., 76.63 रु.
एक सितंबर, 70.53 रु., 79.05 रु.
तीन सितंबर 71.44 रु., 79.52 रु.