जिले में भी बड़े पैमाने पर अवैध शराब की धंधाखोरी
जिले में अवैध शराब के धंधाखोर अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। हालांकि
मैनपुरी, जागरण संवाददाता: जिले में अवैध शराब के धंधाखोर अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। हालांकि प्रशासन की सख्ती के कारण इनकी गतिविधियों पर थोड़ी लगाम लगी है। कई शराब माफिया पर प्रशासन ने शिकंजा भी कसा है, लेकिन पूरी तरह अंकुश नहीं लग सका है।
करीब 25 साल पहले थाना कुर्रा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से एक दर्जन लोगों की मौत हुई थी। इस घटना ने जिले के लोगों को हिलाकर रख दिया था। उस समय अवैध शराब पर शिकंजा भी कसा गया था। इससे कुछ दिन अवैध शराब की धंधाखोरी बंद रही, बाद में फिर से माफिया ने अपने मंसूबों को अंजाम देना शुरू कर दिया। पूरे जिले में अलग-अलग स्थानों पर शराब के धंधाखोर बेखौफ होकर शराब का निर्माण करने लगे थे। बिछवां के गांव कुबेरपुर में भी शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
थाना कुरावली क्षेत्र में काली नदी के किनारे एक दर्जन गांव अवैध शराब बनाने के लिए बदनाम हैं। वहीं बिछवां क्षेत्र में काली नदी के किनारे कई स्थानों पर अवैध शराब का निर्माण किया जाता है। बेवर किशनी और करहल में भी अवैध शराब का निर्माण होता है। जिले की ज्यादातर गिहार कालोनियां अवैध शराब के निर्माण के लिए कुख्यात हैं। पुलिस और आबकारी द्वारा दर्जनों बार छापेमारी की गई, लेकिन अवैध शराब का कारोबार अभी भी चोरी-छिपे चल रहा है। कई बार पकड़ी जा चुकी है नकली शराब
जिले में नकली शराब का धंधा भी अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। केमिकल के जरिए शराब बनाने के ताजा मामले सामने आ चुके हैं। शहर कोतवाली के अलावा कुरावली, भोगांव, करहल, किशनी और अन्य स्थानों पर केमिकल से शराब बनाने की फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। जिले में खपाई जा रही गैर प्रांत की शराब
जिले में गैर प्रांत की शराब खपाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। हरियाणा से तस्करी कर लाई जाने वाली शराब को जिले में अलग-अलग स्थानों पर खपाया जाता है। कई बार इस शराब को ठेकों पर बेचते हुए भी पकड़ा जा चुका है। कई माफिया की संपत्तियां हुईं कुर्क
जिले में अवैध शराब की धंधाखोरी करने वाले माफिया पर पुलिस ने करीब दो साल पहले शिकंजा कसना शुरू किया था। तत्कालीन एसपी अजय शंकर राय ने कई माफिया की संपत्ति जब्त कराने की कार्रवाई की थी। तब से शराब माफिया पर शिकंजा कसने का क्रम जारी है।