गाय तो पाल लेंगे, पोषण का खर्चा कम है
मैनपुरी जासं। मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के लिए आश्रय स्थल से एक-एक गाय देने की योजना की घोषणा की है। गाय के पोषण के लिए हर माह नौ सौ रुपये भी दिए जाएंगे। ऐसे परिवार गाय पालन को बेहद उत्साहित हैं। हालांकि सरकारी मदद कम बताई है।
केस एक: बिछवां निवासी खुशीराम का डेढ़ वर्षीय बेटा बिनाम कुपोषित है। इस मजदूर परिवार के लिए बेटे को पौष्टिक आहार दे पाना मुश्किल होता है। गाय पालने की बात पर खुशीराम कहते हैं कि गाय मिलेगी तो पाल लेंगे।
केस-दो: बिछवां निवासी राहुल की आठ माह की बेटी तान्या कुपोषित है। मजदूर राहुल कहते हैं कि गाय पालने को मिलेगी तो जरूर पालेंगे। हालांकि गाय के पोषण के लिए नौ सौ रुपये मासिक कम हैं।
केस तीन: कुसमरा क्षेत्र के गांव नुनारी निवासी पंकज की पांच वर्षीय बेटी अनुष्का कुपोषित है। बाजार से दूध मंगाते हैं, चालीस रुपये लीटर का रेट है। पंकज कहते हैं कि गाय मिलने से शायद हमारी किस्मत बदल जाए। अभी तो खेतों में मेहनत-मजदूरी कर गुजर-बसर कर रहे हैं।
केस: चार: गांव नुनारी के रजनेश परचून का खोखा रखे हैं। बेटा कुपोषित है। इलाज के बाद घर पर ही है। कहते हैं कि सरकार गाय देगी तो पाल लेंगे। मगर, सरकार को दाना-चारा की राशि बढ़ानी चाहिए।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: मुख्यमंत्री ने कुपोषित बच्चों के अभिभावकों के लिए आश्रय स्थल से एक-एक गाय देने की योजना की घोषणा की है। गाय के पोषण के लिए हर माह नौ सौ रुपये भी दिए जाएंगे। ऐसे परिवार गाय पालन को बेहद उत्साहित हैं। हालांकि सरकारी मदद कम बताई है।
एक दिन की खुराक सौ रुपये में
बाजार में भूसा छह सौ रुपये, खल 23 सौ और चोकर 18 सौ रुपये कुंतल है। हरा चारा भी महंगा है। एक दिन में एक गाय की तीन खुराक पर सौ से 120 रुपये खर्च होते हैं। देशी गाय पांच से आठ किलो रोज दूध देती है। दूध औसतन तीस रुपये लीटर बिकता है। दुधारु गाय के लिए तो मुश्किल नहीं, मगर नौ सौ रुपये से एक महीने तक ठल्ल गाय को खिलाना मुश्किल भरा है। - राजवीर सिंह, बालाजी पुरम।
यहां से ले लें गाय: इच्छुक लोग संबंधित ब्लॉक में संचालित गो संरक्षण केंद्र से फार्म भरकर गाय ले सकते हैं। ऐसे पशुओं का विभाग हर माह सत्यापन भी कराता है। डॉ. पीके शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।
आंकड़ों पर एक नजर:
9046 बच्चे कुपोषित हैं जिले में
1720 बच्चे हैं अति कुपोषित
07 बच्चे भर्ती हैं सेंटर में
16 आश्रय स्थल हैं बेसहारा पशुओं के
2316 गायें हैं इन आश्रय स्थलों पर
250 गायें दुधारू हैं इनमें से।