रैन बसेरों में भीगे मिले रजाई और गद्दे, अधिकारियों ने देखी व्यवस्था
मैनपुरी जासं। बेसहारों की मदद को पालिका ने बसेरे बनाए लेकिन व्यवस्थाएं पूरी न कीं। हाल ऐसा है कि पतली पॉलिथिन की चादर न तो बारिश की बूंदे रोक सकती है और न ही सर्द हवा। रात को हकीकत देखने पहुंचे तहसीलदार को भी निराशा ही हाथ लगी। ईओ की फटकार लगा चौबीस घंटे में इंतजाम दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
जासं, मैनपुरी: सर्दी के मौसम में बेसहारों की मदद को पालिका ने रैन बसेरे बनाए हैं, लेकिन यहां अव्यवस्थाएं हावी हैं। हाल ऐसा है कि पतली पॉलीथिन की चादर न तो बारिश की बूंदे रोक सकती है और न ही सर्द हवा। रात को हकीकत देखने पहुंचे तहसीलदार को भी निराशा ही हाथ लगी। ईओ की फटकार लगाई। 24 घंटे में इंतजाम दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
नगर पालिका के दो अस्थायी रैन बसेरे हैं। शुक्रवार की रात लगभग 10 बजे तहसीलदार सदर नरेंद्र कुमार कोतवाली के बाहर बने बसेरे में पहुंच गए। हालात देख नाराजगी जताई। जमीन पर बारिश का पानी भरा था। चार चारपाई थीं। इसके रजाई और गद्दे बारिश के पानी से भीगे थे। पॉलीथिन हवा को नहीं रोक पा रही थी। यही हाल तांगा स्टैंड पर बने बसेरे का मिला। दिन में भी यहां ताला लटकता मिला। उन्होंने अधिशासी अधिकारी लालचंद भारती को 24 घंटे के अंदर खामियों को दुरुस्त करा बुनियादी इंतजाम कराने को कहा है।
रात को हालात देखने निकलीं चेयरमैन:
शहर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए शुक्रवार की रात चेयरमैन मनोरमा देवी भी अपने पति लक्ष्मण गुप्ता के साथ सड़कों पर निकलीं। रैन बसेरों में चारों ओर से मोटी तिरपाल लगाने के निर्देश दिए। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, करहल चौराहा और सड़क पर ठंड से ठिठुर रहे 50 निराश्रितों को कंबल का वितरण किया। चेयरमैन का कहना है कि प्रत्येक सभासद को कंबल उपलब्ध कराए गए हैं। पात्रों का चयन कर उन्हें वितरण कराया जाना है। रैन बसेरे के बाहर अलाव जलेंगे। फिलहाल 19 प्वाइंटों पर अलाव के प्रबंध कराए गए हैं। सर्दी तेज होते ही दिन में भी अलाव जलवाए जाएंगे।