Move to Jagran APP

अतिक्रमण से सिकुड़ गया मझोला तालाब

बेवर संसू। शासन ने जल संचयन के लिए पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कराया और नए भी खुदवाए। तालाबों को अपने मूल स्वरूप में लाने के लिए अभियान भी चलाए। तालाब ग्राम पंचायत और स्थानीय लोगों की आमदनी का जरिया बनें इसके लिए मत्स्य पालन और सिघाड़ा की खेती से भी इन्हें जोड़ा गया। चिंता की बात यह है कि तालाबों का न तो जीर्णोद्धार हुआ और न ही अतिक्रमण हटाए जाने के चलते ये अपने मूल स्वरूप में लौट सके।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:37 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:37 AM (IST)
अतिक्रमण से सिकुड़ गया मझोला तालाब
अतिक्रमण से सिकुड़ गया मझोला तालाब

संसू, बेवर: शासन ने जल संचयन के लिए पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार कराया और नए भी खुदवाए। तालाबों को अपने मूल स्वरूप में लाने के लिए अभियान भी चलाए। तालाब ग्राम पंचायत और स्थानीय लोगों की आमदनी का जरिया बनें, इसके लिए मत्स्य पालन और सिघाड़ा की खेती से भी इन्हें जोड़ा गया। चिंता की बात यह है कि तालाबों का न तो जीर्णोद्धार हुआ और न ही अतिक्रमण हटाए जाने के चलते ये अपने मूल स्वरूप में लौट सके।

loksabha election banner

गांव मझोला का तालाब दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। कागजों और नक्शे में यह तालाब तीन एकड़ से अधिक जमीन में है। बुजुर्गों की मानें तो यह तालाब कभी गांव के एक किनारे पर था, लेकिन अतिक्रमण किए जाने से अब यह बीच में आ गया है। तालाब के इर्द-गिर्द स्वच्छ शौचालय बना दिए गए हैं, जिससे मल इसी में जा रहा है। तालाब से उठ रही दुर्गध से लोग परेशान हैं। गंदे पानी से मच्छर पैदा हो रहे हैं, जिससे संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं।

निर्माण और जीर्णोद्धार पर खर्च हुए पांच लाख रुपये: वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2018-19 में ग्राम पंचायत फतेहपुर गनी मे आदर्श तालाब बनाने और फिर उसके जीर्णोद्धार के नाम पर पांच लाख रुपये से अधिक धनराशि 13वें और 14वें वित्त आयोग तथा मनरेगा से खर्च की गई।

गांव के तालाब से गंदगी की सफाई कराई जाए और जंगली घास को निकलवा कर मछली पालन अथवा सिघाड़े की खेती कराने का ठेका दिया जाए। - अभिषेक कुमार।

अवैध निर्माण हटवाकर तालाब को स्वच्छ और जनहितकारी बनाया जाए। तालाब में गांव के जाने वाले गंदे पानी को रोका जाए, जिससे संचारी रोग न फैल सके। - रोहित कुमार।

तालाब के विकास के नाम पर मनरेगा और ग्राम विकास निधि के खर्च पैसे की जांच कराई जाए। पैसा कहां और कितना खर्च हुआ, इससे जनता को क्या लाभ मिला। -श्री कृष्ण।

तालाब में फैली गंदगी और रुके हुए गंदे पानी के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, कभी भी जानलेवा बीमारियां फैल सकती हैं। - डॉ. सनी कुमार निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.