श्रीराम के हाथों दशानन का भाइयों समेत अंत
शहर की रामलीला में सोमवार को हुआ रावण दहन श्रीराम के जयकारों से गूंजा मैदान।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: धर्म और अधर्म के बीच चल रहे संघर्ष में आखिरकार अधर्म को हारना ही पड़ा। घंटों चले युद्ध के बाद रावण का वध होने के साथ पुतला दहन किया गया। असत्य पर सत्य की जीत में दशानन के वध के बाद पूरा मैदान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। पुष्पवर्षा कर पदाधिकारियों ने भगवान राम और लक्ष्मण के स्वरूपों की आरती उतारकर उनका पूजन किया।
श्री रामलीला कमेटी के तत्वावधान में शहर के आगरा रोड स्थित रामलीला मैदान में वर्षों से रामलीला का मंचन कराया जा रहा है। सोमवार शाम कोरोना बंदिशों के बीच रामलीला मंचन के दौरान अहिरावण छल से श्रीराम और लक्ष्मण को पातालपुरी ले गया। हनुमान की समझ से दोनों मुक्त होकर वानर दल से जुडे़। इसके बाद बाद भगवान राम और लंकापति रावण के बीच जमकर युद्ध हुआ। एक ओर राम की वानर सेना और दूसरी ओर आसुरी शक्तियों के बीच भंयकर युद्ध हुआ। रावण ने वानर सेना को मारने का काम शुरू किया। यह देख श्रीराम ने रावण पर तीर चलाए।
राम के वाणों से रावण के सिर कटते रहे, लेकिन कुछ देर बाद जुड़ते रहे। यह देख विभीषण ने श्रीराम को रावण की नाभि में अमृत सुखाने के लिए अग्निवाण चलाने को कहा। भगवान श्रीराम ने रावण की नाभि में वाण मारकर उसका वध कर दिया। रावण की मृत्यु के बाद भगवान राम ने अपने अनुज लक्ष्मण के साथ वाण मारकर मेघनाद और कुंभकरण के पुतले का भी दहन किया।
इस दौरान इस दौरान व्यास जनार्दन द्विवेदी, स्वामी दयानन्द बाबा, कमेटी उपाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, अशोक गुप्ता ( पप्पू भइया), रमेश चंद्र सर्राफ, कोषाध्यक्ष सुरेश चंद्र बंसल बीनू, प्रशान्त मिश्रा, सुरेंद्र चौहान चक्कर, धीरज कुमार, शिवनंदन वर्मा, शशांक चौहान, ठा. प्रतापभान सिंह, ओम कुमार चौहान, हाकिम राजपूत, मनोज चौहान, कुलदीप श्रीवास्तव, नवीन सर्राफ, अंशुल चौहान, रवि श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
भीड़ ने उड़ाई बंदिशों की धज्जियां: शहर में रामलीला का मंचन प्रतीकात्मक हुआ। पदाधिकारी और चंद दर्शक ही लीला निहारने को आते रहे। सोमवार को रावण दहन के दौरान उमड़ी भीड़ ने कोरोना बंदिशों की धज्जियां उड़ा दी। सैकड़ों महिलाएं और बच्चे बिना मास्क लगाए मौजूद रहे, जबकि शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया गया।
बुराई के प्रतीक रावण का युवाओं ने किया दहन
संसू, घिरोर: रविवार शाम कस्बा के मुहल्ला अखई में रावण के पुतले का दहन किया गया। कस्बा में इस वर्ष रामलीला का प्रतीकात्मक का ही आयोजन हुआ।
प्रतीकात्मक आयोजन में प्रभु राम के जन्मोत्सव, शिक्षा, सीता स्वयंवर, वनगमन, सीता हरण, हनुमान मिलन, सुग्रीव मित्रता, रावण-अंगद संवाद, लंका पर चढ़ाई, मेघनाथ लक्ष्मण युद्ध और अंत में रावण मरण के साथ आंशिक रामलीला का समापन हो गया। लीला में जैसे ही राम ने रावण पर अग्निवाण छोड़ा तो चारों ओर जय श्रीराम, जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे। इसके बाद रावण धू-धू कर जलने लगा। इस मौके पर रजत बघेल, मितुल गुप्ता, अरुण गुप्ता, विनोद वर्मा, विनोद कुमार, आशुतोष गुप्ता, कायम सिंह, सचिन, चंद्रप्रताप सिंह, सुरेंद्र गुप्ता मौजूद रहे।