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सिलिडर के बढे़ दाम, रसोई में महंगाई का तड़का

मैनपुरी जासं। महंगी सब्जियां और दालों ने पहले ही रसोई का बजट बिगाड़ रखा है। ऐसे में रातों रात गैस सिलिडर की कीमतों में हुए इजाफे से चूल्हे में आग लग गई है। अचानक हुई बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। नाराज ग्राहकों का रोष सरकारी व्यवस्था पर फूट रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी घरेलू महिलाओं को हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 06:10 AM (IST)
सिलिडर के बढे़ दाम, रसोई में महंगाई का तड़का
सिलिडर के बढे़ दाम, रसोई में महंगाई का तड़का

जासं, मैनपुरी: महंगी सब्जियां और दालों ने पहले ही रसोई का बजट बिगाड़ रखा है। इस पर रातों रात गैस सिलिडर की कीमतों में हुई भारी वृद्धि ने रसोई में महंगाई का तड़का लगा दिया है। पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा घरेलू गैस सिलिडर पर एक साथ 145 रुपये बढ़ा दिए गए। इससे 743 रुपये में मिलने वाला सिलिडर अब 888 रुपये का हो गया है। अचानक हुई बढ़ोतरी से उपभोक्ता अपनी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय मान रहे हैं। नाराज ग्राहकों का रोष सरकारी व्यवस्था पर फूट रहा है।

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कॉमर्शियल सिलिडरों पर भी बढ़े दाम: फरवरी की शुरुआत के साथ ही 19 किग्रा वाले कॉमर्शियल सिलिडरों पर 225 रुपये की बढ़ोतरी की जा चुकी है। जो सिलिडर पहले 1302 रुपये का मिलता था वह अब 1527 रुपये में ग्राहकों को मिल रहा है।

सब्जियां भी रुला रहीं

सब्जियां पहले ही रुला रही हैं। टमाटर 30 रुपये किलो, आलू 15 रुपये किलो, प्याज 30 से 45 रुपये, मटर 40 रुपये, फूलगोभी 20 रुपये प्रति फूल, बंद गोभी 20 रुपये, लहसुन 170 रुपये बिक रहा है। दालें भी थाली का स्वाद बिगाड़ने लगी हैं। सब्जी विक्रेता सिटू का कहना है कि कीमतों में इजाफा होने की वजह से ग्राहक दूरी बना रहे हैं।

इनकी सुनिए

'अभी तो हमने सिलिडर बुक ही नहीं कराया है इसलिए दामों में बढ़ोतरी की जानकारी नहीं है। लेकिन, कीमतें बढ़ी हैं तो यह कम कम से रसोई के लिए अच्छी खबर नहीं है। सुषमा देवी, बागवान।

इस सरकार में महंगाई आसमान पर पहुंच गई है। बच्चों को पढ़ाना हो, इलाज कराना हो या फिर पेट भरना, सब कुछ महंगा हो चुका है। हर कोई परेशान है। सोनी, बागवान।

महंगाई में हर बार 50 से 100 रुपये का इजाफा होता है, लेकिन दाम कम नहीं होते। गैस की सब्सिडी भी खातों में नहीं पहुंचती और महंगी कीमतों में रुपये भी चले जाते हैं। किरन, पुरोहिताना।

रसोई गैस सिलिडर की कीमतों के कारण पूरा बजट खराब हो जाता है। सरकार तो महंगाई बढ़ा देती है। सामान्य परिवार आखिर अपनी दूसरी जरूरतों की पूर्ति कैसे करें। लक्ष्मी।

कीमतें कंपनियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। हमारे पास पंजीकरण कराने वाले सभी उपभोक्ताओं को सिलिडर उपलब्ध कराने के लिए पूरी व्यवस्था है। लोग नाराज होते हैं, उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर मनाना पड़ता है। सतीश चौहान, चंद्रा गैस सर्विस।


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