पीएचसी-सीएचसी पर ठप रहा इलाज
ग्रामीणों को उनके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए शासन ने बेहतर व्यवस्थाओं के तमाम दावे किए। लेकिन, हाल देखिए। जिले में सीएचसी और पीएचसी की तो स्थितियां ही बदतर हैं। शुक्रवार को मुहर्रम का अवकाश बता ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों पर इंतजाम ही धड़ाम रहे। मरीजों को उपचार के लिए इधर से उधर भटकना पड़ा।
जेएनएन, मैनपुरी: ग्रामीणों को उनके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ही बेहतर उपचार मिले, इसके लिए शासन ने बेहतर व्यवस्थाओं के तमाम दावे किए। लेकिन, जिले में सीएचसी और पीएचसी में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। शुक्रवार को मुहर्रम का अवकाश बता ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक नदारत रहे। मरीजों को उपचार के लिए इधर से उधर भटकना पड़ा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र औंछा में तो सुबह 10 बजे अस्पताल का ताला खोला गया। चिकित्सा अधीक्षक से लेकर दूसरे अन्य चिकित्सक मोहर्रम की छुट्टी मनाते रहे। स्थिति यह रही कि यहां आने वाले मरीजों को इलाज के लिए या तो निजी अस्पतालों में जाना पड़ा या फिर बिना उपचार के ही घर लौटना पड़ा।
अजीतगंज : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सगामई पर आयुष चिकित्सक डॉ. पंकज तिवारी ने उपचार दिया। यहां प्रसव कक्ष में गंदगी का ढेर लगा था।
भोगांव : सामुदायिक स्वास्थ्य पर स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मोहर्रम के अवकाश के कारण अस्पताल बंद है। इमरजेंसी सेवाओं के नाम पर भी सिर्फ मजाक ही होता रहा।
दन्नाहार : नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटानी में ताला लटकता रहा। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी उपचार मयस्सर न हुआ। ज्यादातर मरीज बिना इलाज के ही घर लौट गए। गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल का रुख कराना पड़ा।
बिछवां : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ताला लटकता नजर आया। लोगों ने आरोप लगाया कि यहां इलाज के नाम पर सुविधा शुल्क देना पड़ता है। इंजेक्शन के लिए दस रुपये और बोतल चढ़वाने के लिए सौ रुपये फीस लगती है। चाहे खून की जांच हो या फिर दवाएं, सभी बाहर से मंगाई जाती हैं।