सुगंध संग फैल रहा मैनपुरी का नाम, 64 हेक्टेअर में हो रही फूलों की खेती
कलकत्ती और जिप्सोफिला के फूलों से महक रही मैनपुरी की जमीन, दिल्ली की आजादपुर मंडी से विदेशों में की जा रही आपूर्ति।
इंद्रेश मिश्रा, मैनपुरी। बासमती चावल के बाद अब यहां के फूलों की सुगंध के साथ ही जिले का नाम भी विदेशों में महक रहा है। इन फूलों का बुके व सजावट के लिए प्रयोग किया जा रहा है। यहां के फूलों का आगरा और दिल्ली की आजादपुर मंडी के माध्यम से विदेशों तक में निर्यात किया जाता है।
जिले में आलू, गेहूं व धान की परंपरागत खेती की जाती है। मुनाफा की चाहत में अब कुछ किसान फूलों की खेती भी करने लगे हैं। जिले में वर्तमान में 64 हेक्टेअर में फूलों की खेती हो रही है। इनमें गेंदा, गुलाब, ग्लेडुलस, जरबेरा, लीलियम, कलकत्ती, जाफरी व जिप्सोफिला की खेती शामिल है। ये फूल किसान आगरा मंडी में बेचते हैं। वहां से यह फूल दिल्ली की आजादपुर मंडी जाते हैं। इसके बाद विदेशों में निर्यात किया जाता है।
बुके व सजावट में होता प्रयोग: कलकत्ती फूल व जिप्सोफिला की खेती अब तक कर्नाटक में ही होती थी। इसका इस्तेमाल बुके के साथ शादी व अन्य आयोजनों में पंडाल की सजावट में किया जाता है। यह देखते हुए किसान श्यामपाल ¨सह ने मैनपुरी ब्लाक के गांव सैदपुर बघौली में एक एकड़ में इसका पौधरोपण किया। अब इन पर फूल आ गए हैं। वे इन्हें आगरा मंडी भेजते हैं। वहां से व्यापारी ले जाते हैं। ऐसे की शुरुआत: किसान श्यामपाल सिंह ने एक एकड़ में फूलों की तमाम प्रजातियों के 12 हजार पौधे अगस्त-सितंबर के बीच रोपे थे। अब ये फरवरी तक फूल देंगे।