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एक-दूजे का मिला साथ तो ईशन नदी हो गई साफ

मैनपुरी जासं। न कोई आव्हान था न कोई काम कराने का दबाव। स्वेच्छा से जुटे सैकड़ों हाथों ने ईशन को संवारा तो नदी का सौंदर्य खिलखिला उठा। सैंकड़ों हाथ जब जुटे तो जलकुंभी निकाली गई कचरा भी साफ किया गया। जिला पंचायत राज विभाग के ग्राम सफाईकर्मियों के साथ ही छात्रों ने नदी को संवारने का काम किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 10:06 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:07 AM (IST)
एक-दूजे का मिला साथ तो ईशन नदी हो गई साफ
एक-दूजे का मिला साथ तो ईशन नदी हो गई साफ

जासं, मैनपुरी: न कोई आव्हान था, न कोई काम कराने का दबाव। स्वेच्छा से जुटे सैकड़ों हाथों ने ईशन को संवारा तो नदी का सौंदर्य निखर उठा। सैंकड़ों हाथों ने जलकुंभी निकाली तो कचरा भी साफ किया। रविवार को जिला पंचायत राज विभाग के ग्राम सफाईकर्मियों के साथ ही छात्रों ने नदी को संवारने का काम किया।

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रविवार को नदी की स्वच्छता के काम में मशीन कम थी, लेकिन हाथों की तादात जरूर सैंकड़ों में नजर आई। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को सुबह आठ बजे से ईशन पर दिखाई देने लगा था। शहर के काली मंदिर के पास से कभी निर्बाध रूप से बहती थी नदी। अब यहां केवल जलकुंभी और झाड़ियां ही नजर आ रही थीं। नदी को संवारने के लिए जिला पंचायत राज विभाग के ग्रामीण सफाई कर्मचारी सुबह आठ बजे से आ गए। सीडीओ नगेंद्र शर्मा और डीपीआरओ स्वामीदीन, डीपीसी नीरज शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, अमित, अनूप भी कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए मौजूद थे। दोपहर को डीएम महेंद्र बहादुर, एसडीएम अनूप कुमार, सुल्तान सिंह ने भी पहुंच गए।

देखते ही देखते सैकड़ों कर्मचारी नदी की सफाई में जुट गए। जलकुंभी के अलावा झाड़ एवं अन्य गंदगी को खींचकर किनारों तक लाया गया। दोपहर तक चले अभियान में एक बड़े क्षेत्र की गंदगी साफ हुई। इस दौरान नदी के काम में जुटे कर्मचारियों और अन्य को देखने के लिए सड़क किनारे लोग एकत्रित हो गए। इस दौरान ग्राम पंचायत सफाईकर्मी सेवक संघ के जिलाध्यक्ष अजय वाल्मीकि, महामंत्री रवींद्र सिंह, धनवेश, अनिल कुमार, विश्राम, रवी यादव, विशंभर, उमेश, सबदपाल, साजन, मुकेश कुमार, राकेश कुमार, चंद्रकिशोर और महिला अध्यक्ष फुलबामा देवी आदि मौजूद रहे।

विद्यार्थियों ने भी दिया स्वच्छता में योगदान: रविवार को ईशन नदी की गंदगी साफ करने में सुदिति ग्लोबल एकेडमी के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थी भी सहयोग कर रहे थे। विद्यार्थियों ने नदी से जलकुंभी को समेटा और किनारों पर डाला। यह विद्यार्थी सुबह से दोपहर तक काम करते हुए नजर आए।

कुछ तो केवल उत्साह बढ़ाने में ही लगे रहे: नदी सफाई के लिए समूचे जिले से महिला और पुरुष स्वच्छता कर्मचारी आए थे। इनमें से कुछ ऐसे भी पुरुष और महिला कर्मचारी रहे, जो केवल हल्ला मचाकर ही सफाई में जुटे सहयोगियों का उत्साहवर्धन करते नजर आए।

डोगिया की ली मदद

काली मंदिर के पास नदी के बीच से गंदगी निकालने के लिए तालाबों से सिंघाड़े तोड़ने के काम आने वाली डोगिया की मदद ली गई। ऐसी चार डोगियों से जलकुंभी और गंदगी किनारों तक लाई गई।

एकरसानंद ने दिया योगदान-

ईशन नदी की स्वच्छता में महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती की अभिलाषा से श्री एकरसानंद आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के संत, ट्रस्टी और प्राचार्य, आचार्य और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने श्रमदान दिया। श्रमदान में प्राचार्य डॉ. रामबदन पांडेय, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विजय कुमार शुक्ल, डॉ. महेश द्विवेदी, डॉ. संजीव मिश्र वैद्य, डॉ. ग्याप्रसाद दुबे, नरेंद्र कुमार पांडेय, डॉ. अशोक पांडेय, शिवप्रसाद मिश्र, श्यामजी दीक्षित, हरीओम द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

अब सेंट मेरीज के पास होगी सफाई

ईशन नदी की स्वच्छता का दायरा अब और बढ़ेगा। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने रविवार दोपहर शहर के सेंट मेरीज स्कूल के पास ईशन नदी को देखा। मशीन लगाकर अधीनस्थों को सफाई कराने को कहा। अब यहां अभियान आगामी दिनों में और गति पकड़ेगा। इसके बाद डीएम ने नदी पर अन्य स्थानों पर चले रहे सफाई काम को भी देखा।


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