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मैनपुरी- यहां कैंसर के दर्द से कसक रही जिंदगी

इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि मैनपुरी जिले को कैंसर पीड़ितों के लिए जाना जाता है। कैंसर रोग से ग्रसित रोगियों की संख्या यहां काफी है। गांव लालूपुरा तो इसके लिए विख्यात है। कैंसर जागरुकता दिवस पर मैनपुरी को इस दंश की याद आना स्वाभाविक है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:44 PM (IST)
मैनपुरी- यहां कैंसर के दर्द से कसक रही जिंदगी
मैनपुरी- यहां कैंसर के दर्द से कसक रही जिंदगी

मैनपुरी: हरियाली और सुविधाओं से संपन्न गांव ललूपुर कैंसर का दंश झेल रहा है। आधा सैकड़ा से ज्यादा ¨जदगियों को लीलने वाले कैंसर का कहर थम नहीं रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद कुछ दिन हरकत में आए अधिकारियों की कार्रवाई अब थम चुकी है। इनकी हो चुकी है मौत : ललूपुरा की एक बस्ती में तालाब के आसपास लगभग दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें फुलवारी (50), दुर्विजय, किशन कुमार (50), राजेंद्र (50), रनवीर (40), दीवान ¨सह (35), दाताराम (55), महेश (45), ओमप्रकाश (45) शामिल हैं। कई अन्य मुख कैंसर से जूझ रहे हैं। नहीं शुरू हुई कैंसर यूनिट : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2004 में जिले में सर्वे कराया तो मुख कैंसर के सर्वाधिक मरीज मिले। वर्ष 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम ¨सह यादव ने कैंसर यूनिट को स्वीकृति दी थी। वर्ष 2008 में लगभग 10 करोड़ रुपये की लागत से जिला अस्पताल में इसका निर्माण हुआ। वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूनिट को शुरू कराने के निर्देश दिए। कार्यदायी संस्था सीमेंस और सैफई मेडिकल कॉलेज की टीम ने सर्वे किया। मशीन खराब होने के कारण यूनिट का संचालन लटक गया। अब शासन ने यूनिट शुरू करने को हरी झंडी दी है। केस एक :

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ललूपुरा गांव में रह रहीं विधवा लौंगश्री (50) के पति जीवालाल (55) की दो साल पहले मुख कैंसर से मौत हो गई थी। 10 साल तक कैंसर से लड़ते हुए ¨जदगी हार गई थी।

केस दो :

सुखदेवी (48) की दास्तां भी जुदा नहीं है। दो साल पहले उनके पति दाताराम (56) को भी मुख कैंसर लील गया। ग्वालियर सहित दूसरे कैंसर अस्पतालों में उपचार का भी कोई फायदा न हुआ। केस तीन :

32 साल के मोहर ¨सह 20 साल पहले अपने भाई कबीर को मुख कैंसर से खो चुके हैं। कुछ ही दिनों बाद दूसरे भाई महेश की भी मुख कैंसर से मौत हो गई। अब मोहर ¨सह भी मुख कैंसर से जूझ रहे हैं।

'कैंसर यूनिट के संचालन के लिए जो निर्देश मिले थे, उसके अनुसार चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा है। मरीजों को जागरूक करने के लिए ललूपुर गांव में कैंप लगवाया गया है।'

डॉ. एके पांडेय

सीएमओ, मैनपुरी।


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