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हुनर की किरन से उम्मीदों की चमक

ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी: प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक किरन ने उम्मीदों की अनोखी चमक बिखेर

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 11:06 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 11:06 PM (IST)
हुनर की किरन से उम्मीदों की चमक
हुनर की किरन से उम्मीदों की चमक

ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी: प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक किरन ने उम्मीदों की अनोखी चमक बिखेरी है। यहां के बच्चे किताबी ज्ञान के साथ ही संस्कृति और सांस्कृतिक गतिविधियों में निपुण हो रहे हैं। कोई तबले पर अपने हुनर की ताल बैठा रहा है तो कोई हारमोनियम पर प्रतिभा की धुनें निकाल रहा है। ढोलक पर जब बच्चों की अंगुलियां पड़ती हैं, तो उसकी धमक सुनने वालों को दीवाना बना देती है।

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बात हो रही है मैनपुरी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय महुअन की। शहर से सटे इस विद्यालय में छात्र-छात्राओं को किताब से अलग भी ज्ञान दिया जाता है। पांच वर्ष पहले इस विद्यालय में शिक्षिका के रूप में किरन शाक्य की तैनाती हुई थी। विद्यालय में किरन के अलावा एक अन्य सहायक अध्यापक मेघ ¨सह भी है। यहां 83 बच्चों का पंजीकरण है।

किरन ने यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए नए तरीकों का सहारा लिया। न केवल बच्चों के लिए पढ़ाई आसान हुई बल्कि उनकी रुचि भी बढ़ी। किरन विद्यालय के बच्चों को ढोलक, हरमोनियम व तबला सिखाने के साथ ही गायन व खेल भी सिखाती हैं। इसी माह पंडित जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में बाल प्रतियोगिता हुई तो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में यहां के बच्चे अव्वल साबित हुए। इतना ही नहीं, पांचवी में पढ़ने वाली लावन्या यादव ने तो स्वच्छता पर ऐसी पें¨टग बनाई कि पूरे जिले में टॉप रही। जिम्नास्टिक में इसी स्कूल के कक्षा तीन के अंकेश और कक्षा दो के आर्यन पुरस्कृत हो चुके हैं। सहायक अध्यापक मेघ ¨सह की मदद से इस बार कुछ बच्चों को नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है। विद्यालय की यही खासियत अन्य से इसे जुदा करती हैं। ये ऐसा स्कूल है जहां बच्चे रोज रंगोली सजाते हैं। हर दिन की अलग-अलग प्रार्थना निर्धारित है। यहां अंग्रेजी में प्रेयर भी होती है।

मैजिक ट्री की एडी ने की तारीफ

विद्यालय के एक कमरे में बच्चों को पढ़ाने के लिए किरन ने कुछ कलाकृतियां दीवारों पर बनाई हैं। इसमें सबसे खास है मैजिक ट्री। इस ट्री के प्रत्येक पत्ते पर ¨हदी वर्णमाला व उनसे बनने वाले अंग्रेजी के शब्द अंकित किए गए हैं। इससे बच्चे ¨हदी से अंग्रेजी बनाने में पल भर का भी समय नहीं लगाते हैं। कुछ माह पहले निरीक्षण पर आए एडी बेसिक गिरजेश चौधरी ने विद्यालय के निरीक्षण के दौरान इसकी तारीफ की थी। अन्य विद्यालयों में भी इस मैजिक ट्री के माध्यम से पढ़ाने की सलाह दी।

बच्चे पढ़ते रामायण और गीता

कहते हैं कि बच्चे कच्ची मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जैसा चाहे ढाला जा सकता है। इसीलिए इस विद्यालय में बच्चों को संस्कारों का ज्ञान भी दिया जाता है। विद्यालय में प्रतिदिन बच्चों को रामायण और गीता सुनाई जाती हैं। शिक्षक किरन बच्चों को चौपाई, श्लोकों का भावार्थ भी समझाती हैं। इससे न केवल बच्चों को अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी प्राप्त होता है।

कोई ढोलक कोई हारमोनियम का उस्ताद

विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा तीन की छात्रा दिव्या और कक्षा पांच की छात्रा लावन्या यादव ढोलक बजाने में माहिर हैं। उनकी ढोलक की थाप देख सब दंग रह जाते हैं। कक्षा तीन व चार के कई अन्य बच्चे भी हारमोनियम और तबला वादन सीख रहे हैं। किरन बताती हैं कि बच्चों को कुछ भी सिखाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए सिखाने वाले को भी थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।

संगीत टीचर के लिए भेजा प्रार्थना पत्र

जितना संभव हो सकता है बच्चों को संगीत व अन्य चीजों में पारंगत करने के लिए किरन पूरी कोशिश कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने बीएसए विजय प्रताप ¨सह से भी कुछ माह के लिए एक संगीत शिक्षक उपलब्ध कराने की मांग की है। बीएसए ने भी आश्वासन दिया है। किरन का कहना है कि अगर कोई संगीत टीचर मिल जाए तो उनके विद्यालय के बच्चे केवल जनपद स्तर पर ही नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर भी नाम रोशन कर सकते हैं।

इनका कहना है

पढ़ाई को लेकर ये एक अच्छी पहल है। बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ ही अन्य मामलों में भी हुनरमंद बनाया जा रहा है। अन्य शिक्षकों को भी इससे सीख लेनी चाहिए।

विजय प्रताप ¨सह, बीएसए।


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