Move to Jagran APP

बच्चों को ज्ञान का प्रकाश बांट रहीं कांतिदेवी

मैनपुरी, बेवर: बेवर कस्बे की टीचर कॉलोनी में आप सुबह जाएं या शाम, कांतिदेवी के दरवाजे

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 11:49 PM (IST)
बच्चों को ज्ञान का प्रकाश बांट रहीं कांतिदेवी
बच्चों को ज्ञान का प्रकाश बांट रहीं कांतिदेवी

मैनपुरी, बेवर: बेवर कस्बे की टीचर कॉलोनी में आप सुबह जाएं या शाम, कांतिदेवी के दरवाजे पर बच्चे कॉपी किताब लिए पढ़ते मिलेंगे। बच्चों में ज्ञान का प्रकाश बांटना कांतिदेवी का जुनून है। वह सरकारी सेवा से रिटायर हो गईं, लेकिन पढ़ाने का जुनून नहीं छूटा। मुहल्ले के बच्चों को वह अपने घर पर निश्शुल्क पढ़ाती हैं।

loksabha election banner

कांति देवी की उम्र अब 63 साल हो गई है। पति मुन्नू ¨सह राठौर सेना में हवलदार थे। वह 1971 में बांग्लादेश से युद्ध लड़ते हुए शहीद हो गए थे। तब कांति देवी ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की थी। पति की शहादत के बाद जब अकेलापन सताने लगा, तो कांति देवी ने आगे की पढ़ाई की सोची। वर्ष 1980 में उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। जबकि वर्ष 1985 में उन्होंने बीटीसी किया। तब वह परिषदीय स्कूल में शिक्षक हो गईं। सेवाकाल के दौरान वह पहले स्कूल में पढ़ातीं, फिर शाम को बच्चों को घर पर शिक्षा देतीं। वर्ष 2015 में कांति देवी सेवानिवृत्त हो गईं। लेकिन बच्चों को पढ़ाने का जुनून नहीं कम हुआ। वह अब सुबह और शाम घर में ही बच्चों की कक्षा लगाती हैं। इसके लिए वह शुल्क नहीं लेतीं। कांति देवी कहती हैं कि पति ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। तो फिर मैं क्यों न समाज के लिए कछ करूं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.